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एंटी करप्शन ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई: कोर्ट प्यादा रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार
करनाल। हरियाणा। भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) करनाल ने शुक्रवार को एक चौंकाने वाली कार्रवाई करते हुए जिला न्यायालय के एक प्यादे को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। आरोपी राजेश, जो कोर्ट के सम्मन शाखा में कार्यरत है, ने एक नागरिक से सम्मन तामील करने के बदले 800 रुपए की मांग की थी। एसीबी टीम ने हुडा पार्क, सेक्टर-12 में उसकी धरपकड़ की और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया है।
शिकायत के बाद लगाया गया था जाल
घटना की शुरुआत तब हुई जब एक नागरिक ने एसीबी करनाल को शिकायत दर्ज कराई कि राजेश नामक कर्मचारी उसके मामले में सम्मन तामील करने के बदले 800 रुपए की रिश्वत मांग रहा है। शिकायतकर्ता के अनुसार, राजेश ने धमकी दी थी कि अगर रकम नहीं दी गई तो सम्मन प्रक्रिया जानबूझकर लंबी खींच दी जाएगी। इसके बाद एसीबी ने एक स्पेशल टीम गठित करके राजेश को फंसाने की योजना बनाई।
पार्क में हुआ ट्रैप
एसीबी अधिकारियों ने बताया कि शिकायतकर्ता को पहले से चिह्नित नोटों के साथ हुडा पार्क, सेक्टर-12 में भेजा गया। जैसे ही राजेश ने रिश्वत की रकम ली, एसीबी की टीम ने उसे घेर लिया। आरोपी के पास से 800 रुपए बरामद किए गए, जिनकी जांच में चिह्नित नोटों की पुष्टि हुई। इस दौरान मौके पर मौजूद एसीबी अधिकारियों ने पूरी प्रक्रिया को वीडियो रिकॉर्ड भी किया।
“भ्रष्टाचार के खिलाफ शून्य सहनशीलता” एसीबी अधिकारी ने कहा
एसीबी करनाल के प्रवक्ता ने बताया, “यह मामला सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार की गंभीरता को दर्शाता है। हम ऐसे किसी भी व्यक्ति को बख्शेंगे नहीं, चाहे वह कितने भी निचले पद पर क्यों न हो।” उन्होंने आगे कहा कि आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत रिश्वत की मांग और अपराध का दोषी पाए जाने पर दंड के तहत केस दर्ज किया गया है।
सम्मन शाखा में कार्यरत था आरोपी
सूत्रों के अनुसार, राजेश जिला न्यायालय के सम्मन शाखा में प्यादे के पद पर तैनात था। इस शाखा का कार्य न्यायिक आदेशों (सम्मन) को संबंधित व्यक्तियों तक पहुंचाना होता है। आरोप है कि वह लंबे समय से इस पद का दुरुपयोग करते हुए नागरिकों से रिश्वत वसूल रहा था। अधिकारियों ने संकेत दिए कि उसके पिछले लेन-देन की भी जांच की जा सकती है।
निष्कर्ष
यह घटना उन तंत्रों में व्याप्त भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है जो आम नागरिकों को बुनियादी सेवाओं के लिए भी रिश्वत देने को मजबूर करते हैं। एसीबी की यह कार्रवाई नागरिकों के बीच यह संदेश देती है कि भ्रष्टाचार की शिकायत करने पर त्वरित कार्रवाई होगी। अब न्यायालय प्रशासन और एसीबी की टीम इस मामले की गहराई में जांच कर रही है, जिसके परिणाम आने वाले दिनों में सामने आएंगे।