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कैराना। मैदानी व पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा के चलते तथा हथिनीकुंड बैराज से निरंतर पानी छोड़े जाने से कैराना में यमुना उफान पर है‏।वह चेतावनी बिंदु से 1.20 मीटर नीचे बह रही है। इस वर्ष यह जलस्तर सर्वाधिक रिकॉर्ड किया गया है। वहीं, खादर के किसानों की चिंता बढ़ गई है। बाढ़ चौकियों को भी अलर्ट किया गया है।

मैदानी व पहाड़ी क्षेत्रों में मानसून की वर्षा के चलते पिछले कई दिन से यमुना में पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है। जिससे जलस्तर में वृद्धि हो रही है। शनिवार को यमुना का जलस्तर 229.55 मीटर पर था। हथिनीकुंड बैराज से यमुना में 23 हजार 891 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। जिसके चलते रविवार सुबह आठ बजे जलस्तर 229.80 मीटर पर पहुंच गया। इस वर्ष में अभी तक यह सर्वाधिक है। यमुना का चेतावनी बिंदु 231 मीटर व खतरे का निशान 231.5 मीटर पर है।

उधर, रविवार सुबह आठ बजे हथिनीकुंड बैराज से यमुना में 13 हजार 717 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। यह करीब 24 घंटे में कैराना तक पहुंच जाएगा। दूसरी ओर, यमुना का जलस्तर बढ़ने से घाट किनारे स्थित मंदिर में पानी घुस गया है। इससे खादर क्षेत्र के किसानों के माथे पर भी चिंता की लकीरें दिख रही हैं। पूर्व में यमुना किसानों की फसलों को बर्बाद कर चुकी है। हालांकि, इस बार क्षेत्र में अभी तक नुकसान की कोई सूचना नहीं है। बाढ़ चौकियों को अलर्ट करते हुए निगरानी के निर्देश दिए हैं। ड्रेनेज विभाग के अवर अभियंता आशु कुमार ने बताया कि यमुना के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। बाढ़ चौकियों को भी अलर्ट किया गया है।

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