गाजियाबाद। पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद ने तकनीकी नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए “कमिश्नरेट कोर्ट्स मॉनिटरिंग सिस्टम (CCMS)” का औपचारिक शुभारम्भ किया है। उत्तर प्रदेश पुलिस के दिशा-निर्देशों के अनुरूप विकसित यह प्रणाली पुलिस कार्यप्रणाली में पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा सुधारात्मक कदम मानी जा रही है।
इस पहल के माध्यम से पुलिस और न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े सभी मामलों की डिजिटल मॉनिटरिंग की जाएगी। सीसीएमएस सिस्टम में प्रत्येक केस की स्थिति, अदालती कार्यवाहियों की अद्यतन प्रगति, संबंधित दस्तावेजों की स्थिति तथा अभियोजन से जुड़ी सूचनाएँ वास्तविक समय (Real-time) में उपलब्ध रहेंगी। इसके परिणामस्वरूप न केवल पुलिस अधिकारियों के कार्यों पर निगरानी आसान होगी बल्कि संबंधित पक्षों को भी तत्काल जानकारी मिल सकेगी।
पुलिस कमिश्नरेट के अनुसार, यह प्रणाली “डाटा-संचालित पुलिसिंग” (Data-driven policing) और “जन-केंद्रित पुलिसिंग” (People-centric policing) दोनों दृष्टिकोणों को मजबूत करेगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि न्यायिक प्रक्रियाएं अधिक स्पष्ट, सुलभ एवं नागरिकों के अनुकूल बनें।
कमिश्नरेट स्तर पर इस प्रणाली के संचालन के लिए विशेष कंट्रोल रूम तथा तकनीकी टीम भी गठित की गई है, जो सीसीएमएस पर निरंतर निगरानी रखेगी। दीर्घकालिक रूप से यह पहल केस डिस्पोजल में तेजी, समय प्रबंधन में सुधार और पारदर्शिता बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी।
पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद ने कहा है कि भविष्य में इस प्रणाली को अन्य विभागीय मॉड्यूल्स से भी एकीकृत कर ‘डिजिटल जस्टिस डिलीवरी मॉडल’ के रूप में विस्तारित किया जाएगा। इससे पुलिसिंग और न्यायिक व्यवस्थाओं के बीच बेहतर तालमेल स्थापित होगा और नागरिकों को न्याय प्रक्रिया में प्रत्यक्ष भागीदारी का अनुभव मिलेगा।