
ग़ाज़ा के भूखे लोगों के लिए सहायता सामग्री लेकर जा रही ग्रेटा थनबर्ग को कल 09 जून को मिस्र के जलीय क्षेत्र में इजरायली कार्रवाई के बाद ग्रेटा व शिप में मौजूद अन्य सहयोगियों को इज़राइल ने बंधक बना लिया था, और शिप को अपने क़ब्जे में ले लिया था।
इजरायल के विदेश मंत्रालय ने 10 जून, 2025 को स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (22) को फ्रांस के लिए विमान से प्रत्यर्पित किया। वहाँ से वह स्वीडन लौटेंगी। थनबर्ग आमतौर पर विमान यात्रा से परहेज करती हैं, क्योंकि इससे कार्बन उत्सर्जन होता है, लेकिन इस बार उनके पास कोई विकल्प नहीं था।
जहाज अवरोधन का विवरण:
9 जून की रात, इजरायली नौसेना ने ब्रिटिश झंडे वाले जहाज “मैडलीन” को गाजा की नाकाबंदी तोड़ने के प्रयास में अंतरराष्ट्रीय जल (गाजा से ~200 किमी दूर) में रोक लिया।
जहाज पर थनबर्ग समेत 12 कार्यकर्ता सवार थे, जो प्रतीकात्मक सहायता (चावल, बेबी फॉर्मूला) ले जा रहे थे।
सैनिकों ने जहाज पर चढ़ाई की, जहाँ कार्यकर्ताओं ने जीवन जैकेट पहनकर हाथ खड़े कर दिए। थनबर्ग ने पूर्व-रिकॉर्डेड वीडियो में इस कार्रवाई को “अंतरराष्ट्रीय जल में अपहरण” बताया।
हिरासत और विरोध:
जहाज को इजरायल के अशदोद बंदरगाह ले जाया गया।
थनबर्ग और तीन अन्य कार्यकर्ताओं ने स्वेच्छा से प्रत्यर्पण स्वीकार किया, लेकिन आठ अन्य (जिनमें फ्रांस की यूरोपीय संसद सदस्या रीमा हसन शामिल हैं) ने विरोध किया। उन्हें हिरासत में रखा गया है और अदालत की सुनवाई का इंतजार है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
- फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने अपने नागरिकों की रिहाई की मांग की।
- अमनेस्टी इंटरनेशनल ने इसे “अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन” बताया।
- ट्रंप ने थनबर्ग का मजाक उड़ाते हुए कहा: “उन्हें क्रोध प्रबंधन कक्षा में जाना चाहिए”।
गाजा संदर्भ:
इजरायल ने 2007 से गाजा पर नौसैनिक नाकाबंदी लगा रखी है, जिसे हमास के हथियारों की आपूर्ति रोकने का हवाला देते हुए कड़ा किया गया है। मार्च 2024 से भूमि आपूर्ति भी बंद होने के कारण गाजा में अकाल जैसी स्थिति है। हाल में सीमित सहायता की अनुमति दी गई है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र इसे “मृत्यु जाल” बता रहा है।
इजरायल ने घोषणा की कि जब्त की गई सहायता को “वास्तविक मानवीय चैनलों” के माध्यम से गाजा भेजा जाएगा। हालाँकि, नाकाबंदी विरोधी समूह फ्रीडम फ्लोटिला कोएलिशन ने नए जहाज भेजने का संकल्प जताया है। संयुक्त राष्ट्र की विशेष रैपोर्टियर फ्रांसेस्का अल्बनीस ने कहा: “हर भूमध्य बंदरगाह से गाजा के लिए सहायता जहाज़ रवाना होने चाहिए”।