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सहारनपुर में महिला थाना पुलिस ने पैदल गश्त कर बढ़ाई सुरक्षा की गारंटी

महिला अधिकारियों की अगुवाई में पैदल गश्त, शांति और सुरक्षा का संदेश

पुलिस की पैदल गश्त से नागरिकों को मिला सुरक्षा का अहसास, लोगों से सहयोग की अपील

सहारनपुर। 03 अप्रैल। शहर में कानून-व्यवस्था और सुरक्षा को मज़बूती प्रदान करने के लिए महिला थाना पुलिस ने आज एक विशेष पैदल गश्त अभियान चलाया। इस दौरान महिला थाना प्रभारी बबीता तोमर और “लेडी सिंघम” के नाम से मशहूर उपनिरीक्षक श्वेता शर्मा ने अपनी टीम के साथ शहर के विभिन्न इलाकों में पैदल गश्त कर नागरिकों से सीधा संवाद किया। यह क़दम स्थानीय लोगों में सुरक्षा की भावना को मज़बूत करने और अपराध नियंत्रण के प्रति पुलिस की सक्रियता को दर्शाने के उद्देश्य से की गई।

गश्त का मकसद

इस अभियान के तहत पुलिस टीम ने बाज़ारों, रेजिडेंशियल कॉलोनियों और संवेदनशील क्षेत्रों में चक्कर लगाकर लोगों की समस्याएं सुनीं और उन्हें सुरक्षा संबंधी सलाह दी। महिला थाना प्रभारी बबीता तोमर ने बताया कि “यह गश्त न केवल अपराध रोकथाम के लिए है, बल्कि महिलाओं और बच्चों को यह विश्वास दिलाने के लिए भी है कि पुलिस उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर है।” उन्होंने आगे कहा कि ऐसे अभियान नागरिकों और पुलिस के बीच विश्वास की खाई को पाटने में मदद करते हैं।

‘लेडी सिंघम’ श्वेता शर्मा का अंदाज़

उपनिरीक्षक श्वेता शर्मा, जिन्हें उनके सख़्त रुख के लिए “लेडी सिंघम” कहा जाता है, ने गश्त के दौरान नागरिकों से कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि सुरक्षा केवल पुलिस की ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज के हर सदस्य की साझा भागीदारी से ही संभव है। उन्होंने युवाओं से अवैध गतिविधियों से दूर रहने और महिलाओं से सजगता बरतने का भी आग्रह किया।

नागरिकों की प्रतिक्रिया

गश्त के दौरान स्थानीय निवासियों ने लेडी पुलिस के इस क़दम की सराहना करते हुए इसे “सुरक्षा का सकारात्मक संकेत” बताया। एक महिला दुकानदार ने कहा कि पुलिस की मौजूदगी से आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगता है, और हमें अपने कामकाज में सुरक्षित महसूस होता है।

पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया कि ऐसी गश्तें नियमित रूप से जारी रहेंगी। साथ ही, महिलाओं से आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबर 112 और महिला हेल्पडेस्क का उपयोग करने का भी अनुरोध किया गया। इस पहल के ज़रिए पुलिस ने एक बार फिर साबित किया कि वह जनता की सेवा और सुरक्षा के प्रति पूरी तरह समर्पित है।

सहारनपुर महिला पुलिस का यह कदम न केवल सामुदायिक पुलिसिंग की मिसाल पेश करता है, बल्कि समाज में सुरक्षा और सद्भाव के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।

 

 

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