
प्रयागराज:- उत्तर प्रदेश सरकार भले ही दावा कर रही है कि महाकुंभ में सभी इंतजाम पटरी पर हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. यहां संगम में डुबकी लगाने के लिए भी श्रद्धालुओं को मोटी कीमत चुकानी पड़ रही है.महाकुंभ में लगी नावों का सरकारी रेट तय होने के बावजूद, यहां नाविक मनमानी रकम वसूल कर रहे हैं. श्रद्धालुओं की ओर से लगातार आ रही शिकायतों के बाद पत्रकारों ने खुद मौके पर पहुंच कर रियलिटी चेक की. इसमें लोगों के आरोप सही पाए गए.
बनारस से आए सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि वह अपने परिवार के चार लोगों के साथ महाकुंभ में आए हैं. मंगलवार की सुबह उन्होंने संगम स्नान किया. इसके लिए अरैल घाट से नाव ली और संगम पहुंचे. उन्होंने बताया कि अरैल घाट से संगम तक नाव का किराया वैसे तो 75 रुपये सरकार ने तय किए हैं, लेकिन नाविक ने प्रति व्यक्ति ढाई हजार रुपये की डिमांड की. उन्होंने विरोध किया तो उसने नाव पर बैठाने से ही मना कर दिया. आखिर में उन्होंने ढाई हजार रुपये प्रति व्यक्ति किराए का भुगतान किया और फिर संगम में जाकर स्नान किया.
एक से पांच हजार तक वसूल रहे नाविक
यही स्थिति गऊघाट, इमलीघाट, सरस्वती घाट और किलाघाट समेत अन्य सभी घाटों पर भी रही. सरस्वती घाट से जाकर संगम में स्नान करने वाले राजीव सिंह ने बताया कि वह तीन लोग संगम स्नान के लिए गए थे और उनसे नाविक ने प्रति व्यक्ति एक हजार के रेट से 3 हजार रुपये किराया वसूल किया है. किलाघाट पर मौजूद राजकुमार ने संगम तक नाव की सवारी के लिए 1500 रुपये का भुगतान किया है. इन सभी घाटों पर लोग नाविकों के सामने गिड़गिड़ाते दिखे. लोग नाविकों से यहां तक कह रहे थे कि वह इंतजार करके थक चुके हैं और अब मुंहमांगी रकम देने को तैयार हैं.
सभी घाटों से निर्धारित है संगम का किराया
बता दें कि महाकुंभ मेला प्राधिकरण ने मेला शुरू होने से पहले ही सभी घाटों से संगम का किराया तय कर दिया था. इसमें सबसे अधिक किराया बलुआघाट से रखा गया है. यह भी महज 150 रुपये है. इसी प्रकार गऊघाट से संगम का किराया 120 रुपया, इमलीघाट, मिंटोपार्क और मनकामेश्वर से संगम का किराया 115 रुपया तय किया गया है. इसी प्रकार किलाघाट से 90, अरैल घाट से 75 और सोमेश्वर घाट से 60 रुपये किराया निर्धारित है. बावजूद इसके, यहां सभी घाटों पर लगे नाविक मनमाने तौर पर किराया वसूल रहे हैं, और सरकार सब कुछ सुचारु रूप से चलने की बात कह रही है।