Oplus_131072

 

डीजीपी ने किया तीन रेंजों के साइबर वर्कशॉप को संबोधित, बताया—“सुरक्षा तभी संभव जब समाज साथ खड़ा हो”

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक (DGP) ने आज सुबह वाराणसी रेंज, मिर्जापुर रेंज और झाँसी रेंज द्वारा आयोजित ऑनलाइन साइबर जागरूकता कार्यशालाओं को संबोधित किया। इन कार्यशालाओं में विभिन्न वर्गों के नागरिक—छात्र, युवा, व्यापारी, समाजसेवी, शिक्षाविद और वरिष्ठ अधिकारी—बड़ी संख्या में जुड़े। डीजीपी ने प्रतिभागियों की इस विविधता को राज्य की वास्तविक ताकत बताया और कहा कि सभी का एकजुट होना साइबर अपराध के खिलाफ प्रभावी रक्षा का आधार बनेगा।

डीजीपी ने कहा कि जिस गति से डिजिटल फ्रॉड और ऑनलाइन ठगी के तरीके बदल रहे हैं, उसी तेजी से जागरूकता फैलाना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बन गई है। उन्होंने बताया कि अधिकतर साइबर अपराध मानवीय भावनाओं जैसे लोभ, भय और असावधानी का फायदा उठाते हैं। यदि नागरिक इन मनोवैज्ञानिक पहलुओं को समझ लें तो वे खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।

उन्होंने राज्य में “नागरिक आधारित साइबर रक्षा बल” (Cyber Praharis) के निर्माण का विज़न साझा किया। यह ऐसे नागरिक होंगे जो अपने समुदाय, परिवार और समाज में साइबर सुरक्षा के प्रहरी बनकर जागरूकता फैलाएंगे और दूसरों को सतर्क रखेंगे।

डीजीपी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस अपने साइबर प्रवर्तन ढांचे को सशक्त बना रही है, लेकिन वास्तविक सुरक्षा तभी संभव होगी जब समाज भी पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले। उन्होंने कहा कि एक साइबर-सुरक्षित उत्तर प्रदेश केवल सरकारी प्रयासों से नहीं, बल्कि नागरिकों की सहभागिता से बनेगा।

डीजीपी ने सभी नागरिकों, विशेषकर युवाओं से अपील की कि वे साइबर साक्षरता बढ़ाएं, नए ऑनलाइन जोखिमों को समझें और स्वयं तथा अपने आसपास के लोगों को सुरक्षित रखने में सक्रिय भूमिका निभाएं।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!