
दूसरे राज्य का निवासी चला रहा है हमारी सरकारी रशन की दुकान, ग्रामीणों ने सम्पूर्ण समाधान दिवस में की कार्रवाई की मांग
मिलीभगत के चलते एडीओ पंचायत व ग्राम प्रधानपति ने गांव में स्थित सरकारी स्कूल के बंद कमरे में करा दिया सरकारी सस्ते गल्ले की
दुकान का आवंटन
दर्जनभर ग्रामीणों ने सम्पूर्ण समाधान दिवस में शिकायती पत्र देकर की कार्रवाई की मांग
कैराना। एडीओ पंचायत व ग्राम प्रधानपति ने दस वर्षों से हरियाणा में निवास करने वाले अपने परिचित के नाम सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान का आवंटन करा दिया। पीड़ित ग्रामीणों ने सम्पूर्ण साधन दिवस में शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की।
क्षेत्र के गांव रामडा निवासी पूर्व प्रधानपति मोमिन के नेतृत्व में दर्जनों ग्रामीण तहसील के सभागार कक्ष में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में पहुंचे, जहां उन्होंने एडीओ पंचायत व ग्राम प्रधानपति पर गंभीर आरोप लगाते हुए एक शिकायती प्रार्थना पत्र अधिकारियों को सौंपा।ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में दो सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानें थी,जिनमे से एक दुकान को भारी अनियमितताएं मिलने पर निरस्त कर दिया गया था। जिसके बाद निरस्त दुकान अनुसूचित जाति को आवंटित करने के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। लेकिन ग्राम प्रधानपति अनुसूचित जाति के लोगों को दुकान आवंटित नही करना चाहते थे। उन्होंने दस वर्षों से हरियाणा में निवास करने वाले अनुसूचित जाति के अपने परिचित को बुलाकर गांव में स्थित सरकारी स्कूल के बंद कमरे में खुली बैठक बुलाकर ग्रामीणों को नजर अंदाज करते हुए फर्जी अंगूठे हस्ताक्षर कराकर सांठगांठ करके राशन की दुकान का आवंटन करा लिया,जिसके बाद ग्रामीणों उबाल आ गया। ग्रामीणों का कहना है कि अवैध रूप से जिस व्यक्ति के नाम सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान का आवंटन किया गया है उसका गांव से कोई लेना देना नही है। आधार, राशन कार्ड,मतदाता पहचान आदि भी हरियाणा के ही बने हुए हैं। आरोप है कि भनक लगते ही शातिर ने अपने आधार कार्ड में संशोधन कराकर गांव रामडा अंकित करा लिया गया है,जबकि अनुसूचित जाति के लोग काफी संख्या में यहां निवास करते हैं,जिनकी आर्थिक स्थिति दयनीय है।इसके बावजूद भी उन्हें नजर अंदाज किया गया है।शिकायती पत्र बृजपाल,मोमिन,सोनू,
देवी सिंह, पहल सिंह आदि के अंगूठे व हताक्षरयुक्त है।