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मुख्य चिकित्साधिकारी की अध्यक्षता में जनपद में मनाया गयाविश्व मलेरिया दिवस

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          सहारनपुर। शासन से प्राप्त निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारी श्री अखिलेश सिंह के आदेशानुसार मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 संजीव मांगलिक की अध्यक्षता में नेशनल वैक्टर बोर्न डिजीज कन्ट्रोल प्रोग्राम के अर्न्तगत “विश्व मलेरिया दिवस‘‘ मनाया गया ।

          विश्व मलेरिया दिवस के उपलक्ष में समस्त सामुदयिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर मलेरिया, डेंगू आदि संक्रामक रोगों से बचाव एवं रोकथाम के लिये आशाओं, ए0एन0एम0 के माध्यम से जनमानस को जागरूक करने हेतु स्कूल, कालेजों, प्राथमिक विद्यालयों में प्रार्थना सभा में छात्र/छात्राओं को जागरूक किया गया। ग्राम स्तर पर साफ-सफाई, हाथ धोना, शौचालय की सफाई तथा घर से जल निकासी हेतु जन-जागरण के लिये प्रचार प्रसार, प्रधान वी0एच0एस0एन0सी0 के माध्यम से संचारी रोगों तथा वैक्टर जनित रोगों की रोकथाम हेतु क्या करें क्या न करें‘‘ का सधन प्रचार-प्रसार किया गया।

          उन्होने आशा, आशा संगिनी को निर्देशित किया कि उनके क्षेत्र में किसी घर व सरकारी जगह पर पानी रूका हुआ पाया जाता है तो मकान मालिक का नोटिस काटे जाये। जिनको नोटिस दिये जाये वही पर तीन दिन बाद दोबारा पहुॅच कर निरीक्षण किया जाये। अगर उन स्थानों पर लार्वा पाया गया तो भारतीय दण्ड सहिता की धारा 188 के तहत पॉंच हजार रूपये तक का जुर्माना वसूल नगर निगम, ब्लॉक स्तर पर नगर पालिका, नगर पंचायत द्वारा कर जिला कोशागार में जमा किया जायेगा।

          मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्ष की थीम ‘‘Harness Innovation toreduce the malaria disease burden and Save lives (मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिये नवाचार का उपयोग करें) जिसका उद्देश्य मलेरिया डेंगू, संक्रामक रोगों आदि की रोकथाम एवं बचाव हेतु डेंगू दिवस के रूप में मनाया जा रहा है तथा औशधियों, एण्ट्री लार्वा के छिडकॉव के लिये जिला मलेरिया अधिकारी को निर्देशित किया तथा जनमानस में डेंगू रोग से बचाव एवं रोकथाम के प्रचार प्रचार को व्यापक स्तर पर करने हेतु बल दिया।

          जिला मलेरिया अधिकारी श्रीमती शिवॉका गौड एवं टीम सहित सरस्वती स्कूल बाबा लालदास मार्ग जाकर विष्व मलेरिया दिवस के रूप में मनाया गया। स्कूल में सभी उपस्थित छात्र/छात्राये तथा अध्यापकों को वैक्टर जनित रोगों के अर्न्तगत आने वाली बिमारियॉ जैसे मलेरिया, डेंगू, आदि संक्रामक रोगों से बचाव एवं रोकथाम के अन्तर्गत जानकारी दी गयी। उन्होने बताया कि बुखार, सिरदर्द, शरीर दर्द, ठंड लगना, पसीना आना और मिचली व उल्टी जैसे लक्षण दिखे, तो तुरन्त आशा कार्यकत्री या स्वास्थ्य कर्मी से संपर्क करें।

          उनकी मदद से प्रशिक्षित चिकित्सक को दिखा कर उनकी सलाह पर मलेरिया की जॉच कराई जाये। मच्छरों से बचाव और लक्षण दिखने पर तुरन्त जॉच और इलाज मलेरिया से बचाव का बेहतर उपाय हैं। समय से जॉच व इलाज न होने से मलेरिया जानलेवा हो सकता है। मलेरिया दवाई बीच में नही छोडनी है। लक्षण समाप्त होने पर भी मलेरिया का पूरा इलाज करवाना है। जिला चिकित्सालय एवं समस्त सी0एच0सी0/पी0एच0सी0 पर जॉच एवं उपचार निःशुल्क है। मलेरिया,डेगू, एवं चिकनुगनिया की रोकथाम हेतु  घर के अन्दर, बाहर व छतों पर टूटे बर्तनों, टायर, गमले, बोतल, आदि में पानी जमा न होने दें।

          कीटनाशक युक्त मच्छरदानी का ही प्रयोग करें। पानी के सभी बर्तन, टंकी इत्यादि को पूरी तरह ढक कर रखें। अपने घर के आस-पास पानी जमा न होने दें। पानी से भरे गढढों में मिटट्ी भर दे। बच्चों को पूरी आस्तीन कमीज व पेन्ट ही पहनाकर रखे। बुखार उतारने के लिये पैरासिटामोल इस्तेमाल करे। एस्प्रीन या इबुब्रुफैन का इस्तेमाल न करे। अधिक बुखार मेें डाक्टर की सलाह ले ।

          झोलाछाप डाक्टर से बचे। ‘‘हर रविवार मच्छर पर वार‘‘ कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सप्ताह में एक बार कूलर, फूलदान, पशु व पक्षियों के पानी के बर्तनों, हौदी को सूखा कर ही पानी भरे, कार्य करने पर बल दिया। डेगू व मलेरिया से बचाव हेतु क्या करें -रूके हुये पानी के स्थानों को मिट्टी से भर दे यदि सम्भव न हो तो कुछ बूंद मिट्टी का तेल या डीजल उसमें डाल दें।

          घर में कूलर, गमले, छतो पर पडे पुराने टायर, पशु-पक्षियों के पीने के पात्र एवं निष्प्रयोज्य सामग्री तथा नारियल के खोल, प्लास्टिक की कप, बोतल आदि में जल एक़ि़त्रत न होने दे। सोते समय मच्छर दानी अथव मच्छर भगाने की क्रीम को प्रयोग करे। जहॉ तक सम्भव हो पूरी आसतीन की कमीज मोजे इत्यादि से शरीर को अधिक से अधिक हिस्से को ढक के रखे। तेज बुखार होने पर चिकित्सक से सम्पर्क करें मलेरिया का शक होने पर नजदीकी के सरकारी अस्पताल में जॉच करायें ।

          क्या न करे- घरों के आस-पास गन्दगी व कूडा एकत्र न होने दें। नालियों अथव गढडों में रूका हुआ पानी एकत्र न होने दें। यदि डेंगू व मलेरिया रोगी कोई है तो उसे बिना मच्छरदानी के न रहने दें। अथवा ऐसे कमरें में रोगी की देखभाल करे जिसमें दरवाजे खिडकियों में जाली लगी हो।

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