उत्तर प्रदेश मुज़फ़्फ़रनगर शामली

स्ट्रीट लाइट खराब, अब अंधेर में रहने को मजबूर हे गाँव वासी

स्ट्रीट लाइट खराब, अब अंधेर में पूरा गाँव


रिपोर्ट विजिलेंस दर्पण ब्यूरो

प्रदेश में नई सरकार आने के बाद गाँव में बिजली आपूर्ति की स्थिति तो सुधरी है, बावजूद इसके कयी गाँव प्रशासनिक उदासीनता के कारण अंधेरे में हैं। जी हां, जनपद मुजफ्फरनगर कै गाँव की समस्या बिजली न आने की नहीं, बल्कि यहां स्थित बिजली के खंभों में स्ट्रीट लाइट्स का खराब हो जाना है। इससे कारण गाँव की सड़कों व मुख्य मार्गों पर अंधेरा बना रहता है। अंधेरे के कारण गाँव के बुजुर्गों को अंधेरे में बैठने को मजबूर होना पड़ रहा है।
मुजफ्फरनगर कै ब्लॉक मोरना डाक खाना ढांसरी गांव कमहेड़ा सिया वाली मस्जिद कै स्थित मे लगी स्ट्रीट लाइट एक महीने पूर्व से ख़राब पड़ी हे काफ़ी बार नगर पंचायत मे शिकायत कै बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही हे
दरअसल ग्राम पंचायतों में वर्षों पहले रात्रि प्रकाश के लिए गांव के प्रमुख मार्गों पर स्ट्रीट लाइटें लगाई गई थी, लेकिन गांव की सरकार इन सोलर लाइटों की मरम्मत कराना ही भूल गई। इससे अधिकांश स्ट्रीट लाइटें खराब होकर धूल फांक रही हैं। इससे शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। दुधिया रोशनी बिखेरने वाली स्ट्रीट लाइटों का मकसद था कि शहरों के तर्ज पर गांव की सड़कों पर ये लाइटें उजाला बिखेरेंगी तो चोर उचक्कों पर अंकुश लगेगा। लोगों को लाइट की व्यवस्था नहीं करनी होगी। योजना के तहत गांव-गांव में स्ट्रीट लाइट सोलर पैनल लगाने में लाखों रुपये खर्च कर दिए गए, लेकिन चंद महीने बाद ही गांव की गलियों में लगीं सोलर लाइट गायब हो गईं। भ्रष्टाचार के चलते योजना फलीभूत नहीं हो सकी। इससे गांव की गलियों में फिर से रात में अंधेरा कायम रहता है ग्राम वासियो का कहना हे की किया प्रधान को इसी लिए वोट देते हे हम लोग किया प्रधान सिर्फ वोट मांगने आते हे हमारे पास  गांव में ना ही सड़क बनाई गई और ना ही स्ट्रीट लाइटें सही कराई गई विकास के नाम पर ठेंगा दिखा रहे हैं ग्राम प्रधान

सूत्र के हवाले से खबर मिल रही है कि प्रधान का कहना हे की कितनी भी मीडिया में निकाल लो लेकिन लाइट सही नहीं कराई जाएंगी

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