उत्तर प्रदेश

छठ पूजा महापर्व शुरु, पहले दिन होता है नहाय-खाए, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि, इन बातों का रखें ध्यान

आज यानी शुक्रवार से नहाय खाय के साथ महापर्व छठ का आरंभ होने जा रहा है। छठ पूजा में नहाय खाय का विशेष महत्व होता है। इस दिन व्रत करने वाली महिलाओं और पुरुष प्रात:काल स्नान आदि कर नए और साफ वस्त्र पहनते हैं। इसके बाद भगवान सूर्य देव के साथ अपने कुलदेवता या कुलदेवी की पूजा करने के बाद सात्विक आहार ग्रहण करते हैं। नहाय खाय के दिन बनने वाले खाने में प्याज-लहसुन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। आपको बता दें कि छठ का व्रत पूरे चार दिनों तक मनाया जाता है। 17 नवंबर से शुरू हुआ छठ पूजा का समापन 20 नवबंर को उगते सूर्य को अर्घ्य देनें के साथ होगा। तो चलिए जानते हैं छठ के पहले दिन आने वाले नहाय खाय के बारे में।
नहाय-खाए 2023 के शुभ मुहूर्त
छठ पूजा का पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरु होता है और षष्ठी तिथि के दिन समाप्त होता है। इस साल छठ महापर्व आज यानि 17 नवंबर से शुरु हो गया है और पहले दिन की शुरुआत नहाय-खाए के साथ होती है। नहाय-खाए के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
नहाय खाय के दिन इन बातों का रखें ध्यान
नहाय खाय के दिन सबसे पहले पूरे घर की साफ-सफाई कर लें
इसके बाद व्रती स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ कपड़े पहनें
इस दिन भोजन में कद्दू यानि लौकी और चनें की दाल को जरूर शामिल करें
नहाय खाय के दिन अरवा चावल खाया जाता है
नहाय खाय का भोजन सूर्यदेव को भोग लगाने के बाद ही खाएं
वहीं व्रती के भोजन करनें के बाद ही परिवार के बाकी सदस्य भोजन ग्रहण करें
नहाय खाय के खाने में लहसुन और प्याज का भूलकर भी इस्तेमाल न करें
घर के बाकी सदस्य भी इस दिन लहसुन-प्याज न खाएं
नहाय खाय के दिन व्रती और परिवार के अन्य लोग सात्विक भोजन ही खाएं
छठ पूजा का महत्व
छठ पूजा का यह व्रत मुख्य रूप से संतान की लंबी आयु, पारिवारिक सुख-समृद्धि, अच्छी सेहत और मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए किया जाता है। छठ व्रत में व्रती महिलाएं करीब 36 घंटे का निर्जला व्रत करती हैं। छठ पूजा का ये त्यौहार पूरे चार दिनों तक मनाया जाता है। छठ पूजा के पहले दिन यानि आज नहाय-खाय होता है। दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य और उसके अगले दिन अरुणोदय काल में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *