अंतरराष्ट्रीय

जानते है!- जब “टाईटेनिक” समुन्द्र मे डूब रहा था तो उसके आस पास तीन ऐसे जहाज़ मौजूद थे जो टाईटेनिक के मुसाफिरो को बचा सकते थे!

 

 

===========================================

1. SAMSON

          सबसे करीब जो जहाज़ मौजूद था उसका नाम ” SAMSON ” था और वो हादसे के वक्त टाईटेनिक से सिर्फ सात मील की दुरी पर था, सैमसन के कैप्टन ने न सिर्फ टाईटेनिक कि ओर से फायर किए गए सफेद शोले ( जोकि इन्तेहाई खतरे की हालत मे हवा मे फायर किया जाता है) देखे थे, बल्कि टाईटेनिक के मुसाफिरो के चिल्लाने के आवाज़ को भी सुना भी था, लेकिन सैमसन के लोग गैर कानूनी तौर पर बहुत कीमती समुन्द्री जीव का शिकार कर रहे थे और नही चाहते थे कि पकडे जाए लिहाजा वो टाईटेनिक की हालात को देखते हुए भी मदद न करके अपनी जहाज़ को दुसरे तरफ़ मोड़ कर चले गए!
          “ये जहाज़ हम मे से उन लोगो कि तरह है जो अपनी गुनाहो भरी जिन्दगी मे इतने मग़न हो जाते है कि उनके अंदर से इन्सानियत का एहसास खत्म हो जाता है और फिर वो सारी जिन्दगी अपने गुनाहो को छिपाते गुजार देते है,”
          2. CALIFORNIAN 
          दूसरा जहाज़ जो करीब मौजूद था उसका नाम ” CALIFORNIAN ” था जो हादसे के वक्त टाईटेनिक से चौदह मील दूर था, उस जहाज़ के कैप्टन ने भी टाईटेनिक की तरफ़ से मदद की पूकार को सुना और बाहर निकल कर सफेद शोले अपनी आखो से देखा लेकिन क्योकि टाईटेनिक उस वक्त बर्फ़ की चट्टानो से घिरा हुआ था और उसे उस चट्टानो के चक्कर काट कर जाना पड़ता इसलिए वो कैप्टन मदद को ना जा कर अपने बिस्तर मे चला गया और सुबह होने का इन्तेजार करने लगा, जब सुबह वो टाईटेनिक के लोकेशन पर पहुचा तो टाईटेनिक को समुन्द्र कि तह मे पहुचे हुए चार घंटे गुज़र चुके थे और टाईटेनिक के कैप्टन Adword Smith समेत 1569 मुसाफिर डूब चुके थे.
          “ये जहाज़ हमलोगो मे से उनकी तरह है जो किसी की मदद करने अपनी सहूलत और असानी देखते है और अगर हालात सही ना हो तो किसी की मदद करना अपना फ़र्ज़ भूल जाते है!”
3. CARPHATHIYA
          तीसरा जहाज़ ” CARPHATHIYA” था जो टाईटेनिक से 68 मील दूर था, उस जहाज़ के कैप्टन ने रेडियो पर टाईटेनिक के मुसाफारो की चीख पूकार सुनी, जबकि उसका जहाज़ दूसरी तरफ़ जा रहा था उसने फौरन अपने जहाज़ का रुख मोडा और बर्फ़ की चट्टानो और खतरनाक़ मौसम की परवाह किए बेगैर मदद के लिए रवाना हो गया, अगरचे वो दूर होने की वजह से टाईटेनिक के डूबने के दो घंटे बाद लोकेशन पर पहुच सका लेकिन यहि वो जहाज़ था जिसने लाईफ बोट्स की मदद से टाईटेनिक के बाकी 710 मुसाफिरो को जिन्दा बचाया था और उसे हिफाज़त के साथ न्यूयार्क पहुचा दिया था, उस जहाज़ के कैप्टन ” आर्थो रोसट्रन ” को ब्रिटेन के तारीख के चंद बहादुर कैप्टनो मे शूमार किया जाता है और उनको कई समाजिक और सरकारी आवार्ड से भी नवाजा गया था!
          याद रखिए!- हमारी जिन्दगी मे हमेशा मुश्किलात रहती है, चैलेजं रहते है लेकिन जो इस मुश्किलात और चैलेजं का सामना करते हुए भी इन्सानियत की भलाई के लिए कुछ कर जाए उन्हे ही इन्सान और इन्सानियत याद रखती है-
          दुआ करे कि खुदा किसी की मदद की तौफीक दे क्योकि ये इन्सानियत की सबसे उन्ची और आला तरीन दर्जा है!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *