उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय

कभी लोगों के जूठे बर्तन धोये और खेतों में मजदूरी करने वाली आज UPSC में 217 वी रैंक लाकर कर बनी IPS अफसर!

 

मुरादाबाद:- इलमा अफरोज की सफलता की कहानी के बारे में बात करते जिन्होंने विदेश में पढ़कर ही आज यूपीएससी में 217 वी रैंक हासिल कर आईपीएस ऑफिसर बन कर अपना लक्ष्य पूरा किया। पर उन्होंने विदेश मे कैसे पढ़ाई की उसकी कहानी बड़ी दिलचस्प है।
मुरादाबाद के एक छोटे से गांव कुंदरकी से ताल्लुक रखने वाली इलमा अफरोज( Ilma afroj)।जो 2017 बैच की एक आईपीएस ऑफिसर हैं। जिन्होंने यूपीएससी में 217 रैंक हासिल किया था। इलमा अफरोज बहुत ही संघर्षों से पली-बढ़ी है। इलमा ने अपनी मेहनत के दम पर भारत की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी को पास कर एक इतिहास रच दिया।
वह शुरू से ही वकील बनना चाहती थी। लेकिन स्कॉलरशिप ना मिलने की वजह से उनका कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एडमिशन नहीं हो पाया। इन सबके बावजूद उन्होंने अपने मेहनत के दम पर सब कुछ हासिल कर दिखाया।उनकी अम्मी उन्हे हमेशा से जीवन में संघर्ष एवं कड़ी मेहनत के लिए लड़ना सिखाया एवं चुनौतियों का सामना करना सिखाया।
अम्मी को गांव वाले और रिश्तेदारों ने और भी ताने देना शुरू कर दिया। उन्होंने यह तक कह दिया कि ‘लड़की हाथ से निकल गई अब वापस नहीं आने वाली’। इल्मा यूके में अपने पढ़ाई के खर्च के लिए पार्ट टाइम काम करती थी जैसे – बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना,छोटे बच्चों की देखभाल करना यहां तक कि उन्होंने लोगों के घर के बर्तन भी धोये है क्योंकि वह किसी भी काम को छोटा मोटा नहीं समझती थी।
उन्होंने हर परिस्थिति का मुकाबला मुस्कुराते हुए किया है। किसी भी परिस्थिति में उन्होंने आंसू नहीं बहाए। कुछ समय बाद एक वॉलिंटियर प्रोग्राम में शामिल होने के लिए वह न्यूयॉर्क गई। जहां उन्हें एक बढ़िया जॉब का ऑफर मिला परंतु उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया क्योंकि वह अपने देश को छोड़कर नहीं रहना चाहती थी। उनका मानना था की वह आज जो कुछ भी है अपने देश के शुक्रगुजार से है जिससे उन्हें विदेश में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप दी।अपने UPSC की परीक्षा के परिणाम के दिन में भी इलमा खेतों में काम करती रही और अभी भी वह अपनी खेती बारी से जुड़ी रहती है।

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