कस्बे से लेकर गांवों तक झोलाछाप की भरमार
झोलाछाप डॉक्टरों के हौंसले बुलंद मरीजों की जान से कर रहे खिलवाड़
रिपोर्टर सादिक सिद्दीक़ी कांधला ✒️
*(कांधला)* कस्बे मे झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। चाय की गुमटियों जैसी दुकानाें में भी झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। मरीज चाहे उल्टी, दस्त, खांसी, बुखार से पीड़ित हो या फिर अन्य कोई बीमारी से। सभी बीमारियों का इलाज यह झोलाछाप डॉक्टर करने को तैयार हो जाते हैं। मरीज की हालत बिगड़ती है तो उससे आनन फानन में जिला अस्पताल भेज दिया जाता है। जबकि यह लापरवाही स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की जानकारी में भी है स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते झोलाछाप लोगों को स्वस्थ करने के बजाय उनको मौत के मुंह में ढकेल रहे हैं डॉक्टर धरती के भगवान कहे जाते हैं कोई भी बीमारी होने पर डॉक्टर ही याद आते है और विश्वास होता है कि डॉक्टर के पास जाएंगे तो ठीक हो जाएंगे, लेकिन जब डॉक्टर को ही पूर्ण जानकारी न हो तो निश्चित ही इलाज करवाने में डर लगेगा। कस्बे में तो झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। जगह-जगह यहां झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक खुले हुए व बाइकों में बैग टांगकर बेखौफ इलाज के नाम पर ठगी करते नजर आते हैं। हर गली मुहल्लों में झोलाछाप डॉक्टर साहब के क्लीनिक मिल जाएंगे।
जहां बिना कोई डिग्री लिए फर्जी डॉक्टर बनकर मरीजों को इलाज के नाम पर रकम ऐंठने व उनके जीवन से खिलवाड़ करते बड़ी आसानी से फूस के बने छप्परों के नीचे बोतले टंगी देखने को मिल जाएंगे, लेकिन चल रहे ऐसे क्लीनिकों पर जिम्मेदारों की नजर नहीं पड़ती। आए दिन ऐसे मामले प्रकाश में आते हैं कि मामूली बीमारी को भी ये लोग गंभीर बनाकर अपने से¨टग वाले निजी अस्पतालों में भर्ती करवाकर मोटा कमीशन भी लेते हैं। विभागीय सूत्रों की माने तो जब भी इन झोला-छाप डॉक्टरों पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है तो लिखा पढ़ी कर लौट आती है। बाद में मोटी रकम लेकर मामला रफा-दफा कर पुन: मरीजों की जान से खिलवाड़ करने का लाइसेंस दे दिया जाता है।