उत्तर प्रदेश कैराना

झोला छाप डॉक्टरों पर चला चाबुक, नवजात की मौत के बाद हरकत में आया स्वास्थ्य विभाग,दो क्लीनिक सील

झोला छाप डॉक्टरों पर चला चाबुक, नवजात की मौत के बाद हरकत में आया स्वास्थ्य विभाग,दो क्लीनिक सील

शुक्रवार को मोहल्ला आर्यापुरी में स्थित आयात चाइल्ड केयर क्लीनिक संचालक ने ली थी नवजात की जान

कैराना। नवजात की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया है। बिना रजिस्ट्रेशन के झोला छाप डॉक्टर द्वारा संचालित किए जा रहे आयात चाइल्ड केयर क्लीनिक मालिक चाइल्ड केयर सेंटर पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सील कर दिया गया है।

शुक्रवार को मोहल्ला आर्यापुरी में स्थित आयात चाइल्ड केयर क्लीनिक पर गांव बीबीपुर हटिया निवासी तैय्यब पुत्र शकील अपने नवजात बच्चे को लेकर उसका गंदा पानी निकलवाने के लिए पहुंचा था, जहां झोलाछाप डॉक्टर दिलशाद ने उसे भर्ती कर लिया और ऑक्सीजन शुरू कर दी।


हालत बिगड़ने पर झोला छाप के हाथ पांव फूल गए थे और उसने आनन फानन में पीड़ितों से ऑक्सीजन की पूरी कीमत वसूलकर उन्हें धोखे में रखते हुए बच्चे को गाड़ी में ऑक्सीजन लगाकर पानीपत के लिए रेफर कर दिया था।सनौली पहुंचते ही ऑक्सीजन खत्म हो गई और नवजात ने दम तोड़ दिया था। झोला छाप डॉक्टर की लापरवाही के चलते हुई नवजात की मौत के बाद पीड़ितों द्वारा फर्जी क्लीनिक पर जमकर हंगामा किया गया था। बाद में मौके पर पहुंची पुलिस क्लीनिक संचालक को हिरासत में लेकर कोतवाली ले आई थी,जहां झोलाछाप व पीड़ित के बीच आपसी सुलह कराकर मामले को रफा दफा कर दिया गया था।आज स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली और एसीएमओ हरेंद्र के नेतृत्व में टीम कैराना पहुंची और बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित आयात चाइल्ड केयर क्लीनिक व मालिक चाइल्ड केयर सेंटर पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सील कर दिया गया है,जबकि दुआ चाइल्ड हेल्थ संचालक को नोटिस थमाया गया है। अगर तीन दिन पहले की गई छापेमारी के दौरान ही स्वास्थ्य विभाग की टीम आयात चाइल्ड केयर सेंटर संचालक झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई कर देती तो नवजात की जान न जाती।

स्वास्थ्य विभाग की सांठगांठ से चल रहे क्लीनिक

नगर में स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत व सांठगांठ के चलते नगर में कई और चाइल्ड क्लीनिकों का संचालन किया जा रहा है,जिनके खिलाफ कोई कार्रवाई नही की जाती। प्रतिमाह सुविधाशुल्क के लालच के चलते विभाग कुंभकरणी नींद सोया हुआ है,छापेमारी होती है,मगर कार्रवाई से परहेज़ किया जाता है।आखिर क्यों?

झोलाछाप डॉक्टर सीएमओ ऑफिस में देते हैं हाजिरी

नगर में बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित क्लीनिकों पर बड़े लाव लश्कर के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम छापेमारी करने पहुंचती है,जहां एसीएमओ द्वारा क्लीनिक संचालकों से रजिस्ट्रेशन व डिग्री संबंधी कागजात मांगे जाते हैं, कागजात न होने की स्थिति में विभाग की ओर से उन्हें एक नोटिस थमाया जाता है। उसी समय झोला छाप डॉक्टरों को सीएमओ ऑफिस आने का भी निमंत्रण दे दिया जाता है,जिसके बाद ही सेटिंग गेटिंग का खेल शुरू होता और स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई कागज़ों तक सिमट कर रह जाती है।

अरशद चौधरी
मुख्य सम्पादक - विजिलेंस मीडिया ग्रुप

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