उत्तर प्रदेश कैराना

यमुना का जलस्तर बढ़ने से खादर क्षेत्र के लोगों व किसानों की बढ़ी धड़कनें 

यमुना का जलस्तर बढ़ने से खादर क्षेत्र के लोगों व किसानों की बढ़ी धड़कनें 

यमुना के पानी से लबालब हुए तटवर्ती इलाको के खेत, निकटवर्ती मंदिर में भी भरा कई-कई फुट पानी
यमुना के जलस्तर में चौबीस घंटे बाद गिरावट आने की उम्मीद

कैराना। पहाड़ी क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा के चलते हथिनीकुंड बैराज से एक दिन पूर्व प्रवाहित किये गए 2.51 लाख क्यूसेक पानी से कैराना में यमुना नदी एक बार फिर उफान आ गई है। यमुना के पानी से तटवर्ती इलाकों में खड़ी विभिन्न प्रकार की फसलें पूरी तरह जलमग्न हो गई है। यमुना ब्रिज के निकट स्थित मंदिर में भी कई-कई फुट पानी भर गया है। यमुना का बहाव चेतावनी बिंदु को पार करके खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। वही, ड्रेनेज विभाग द्वारा यमुना की निगरानी बढ़ा दी गई है। यमुना के पानी से चौबीस घंटे बाद राहत मिलने की उम्मीद है।

पहाड़ी क्षेत्रों में अचानक हुई भारी बारिश से हथिनीकुंड बैराज पर पानी का दबाव बढ़ गया है, जिसके चलते शनिवार दोपहर दो बजे अधिकतम 2.51 लाख क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ा गया था। इस पानी के कैराना पहुंचते ही रविवार को एक बार फिर यमुना नदी उफान पर आ गई है। यमुना का पानी तटबंध तक पहुंच गया है। इससे यमुना के तटवर्ती क्षेत्र में खड़ी फसलें पानी से तरबतर हो गई है। करीब 13 दिन पूर्व भी यमुना का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाके के खेतों में पानी भर गया था। दो सप्ताह के भीतर दो बार फसलों में यमुना का पानी भरने से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होने की संभावना है। फिलहाल यमुना चेतावनी बिंदु को पार करके 231.13 मीटर के सूचकांक पर बह रही है। यहां से खतरे का निशान महज 37 सेंटीमीटर ऊपर है। कैराना में यमुना का चेतावनी बिंदु 231.00 मीटर तथा खतरे का निशान 231.50 मीटर पर निर्धारित है। यमुना के उफान पर आने के चलते खादर क्षेत्र के बाशिंदों की चिंता में भी इजाफा हुआ है। हालांकि, हथिनीकुंड बैराज से यमुना में प्रवाहित किए जा रहे पानी की मात्रा में रविवार को कमी आई है, जिससे आगामी 24 घंटे में यमुना के जलस्तर में गिरावट आने की संभावना है। फिलहाल प्रशासन व ड्रेनेज विभाग की ओर से बाढ़ चौकियों को अलर्ट करने के साथ ही निगरानी बढ़ा दी गई है। उधर, ड्रेनेज विभाग के सहायक अभियंता राजेन्द्र सिंह ने बताया कि हथिनीकुंड बैराज से शनिवार दोपहर दो बजे अधिकतम 2,51,987 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया था। वही, रविवार सुबह आठ बजे 1,42,603 क्यूसेक, नौ बजे 1,25,015 क्यूसेक, दस बजे 1,09,820 क्यूसेक, 11 बजे 1,03,516 क्यूसेक, दोपहर 12 बजे 60,304 क्यूसेक, दो बजे 38,297 तथा शाम चार बजे 45,567 क्यूसेक पानी यमुना में डिस्चार्ज किया गया। यमुना में पानी की मात्रा कम हो रही है, जिससे यमुना का जलस्तर नीचे आ जायेगा। फिलहाल क्षेत्र में यमुना का बहाव 231.13 मीटर दर्ज किया गया है।

मंदिर परिसर में कई-कई फुट पानी भरा

यमुना का जलस्तर बढ़ने से निकटवर्ती मंदिर परिसर में कई-कई फुट पानी भर गया है। इससे मंदिर में रखा सामान खराब हो गया। हथिनीकुंड बैराज से विगत 10 जुलाई को 2.94 लाख क्यूसेक तथा 11 जुलाई को 3.20 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने पर यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 80 सेंटीमीटर ऊपर चला गया था, जिससे यमुना किनारे स्थित छठ मैया का मंदिर बह गया था। इसके अलावा गांव सहपत में तटबंध टूटने से सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई थी।

अरशद चौधरी
मुख्य सम्पादक - विजिलेंस मीडिया ग्रुप

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