वरिष्ठ भाजपा नेता वीरेन्द्र सिंह और अधिकारियों ने किया बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा
कांधला। कैराना क्षेत्र में तटबंध टूट जाने से गांव डून्डूखेड़ा, ईस्सौपुरटील और गढ़ी रामकौर के दर्जनों किसानों की फसल भी जलमग्न हो गई थी। जिससे किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है। रविवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र सिंह ने एसडीएम कैराना निकिता शर्मा के साथ बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया और किसानों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
यमुना का जलस्तर बढ़ने के पश्चात कैराना के समीप तटबंध टूट जाने से तटबंध से सटीक किसानों के खेतों पर समस्या का पहाड़ टूट गया। तटबंध टूट जाने के बाद खंड विकास क्षेत्र के गांव डून्डूखेड़ा, ईस्सौपुरटील और गढ़ी रामकौर के दर्जनों किसानों के खेत में यमुना का पानी तेजी के साथ घुस गया था। यमुना के पानी ने डून्डूखेड़ा के अधिकांश कृषि के भूभाग पर अपना कब्जा कर लिया था। किसानों के खेत जलमग्न हो जाने के बाद किसानों को मौके से भागना पड़ा था। खेतों में पानी घुसने से किसानों की करीब हजारो बीघा धान, ईख, मक्का की फसल जलमग्न हो गई थी। यमुना नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर के साथ अन्य किसानों के खेतों में भी पानी तेजी के साथ घुसने लगा है। जिससे किसानों की चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं। किसान सुरेंद्र, भूपेंद्र, राजपाल सहित अन्य किसानों का कहना है कि वर्ष 2013 में इस्सोपुरटिल से लेकर कैराना तक यमुना नदी पर तटबन्ध का निर्माण कराया गया था। जिसमें यमुना नदी के जलस्तर के बढ़ने के बाद भी किसानों की फसल को कोई नुकसान नहीं होता था। लेकिन रेत खनन माफियाओं ने तटबंध को लगातार क्षति पहुंचाई, परिणाम स्वरूप कैराना के पास तटबन्ध क्षतिग्रस्त होकर टूट गया, और सैकड़ों किसानों की हजारों बीघा फसल जलमग्न होकर नष्ट हो गई। रविवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं एमएलसी वीरेंद्र सिंह ने एसडीएम कैराना निकिता शर्मा सहित अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने किसानों को हर संभव सरकार से मदद दिलाने का भी आश्वासन दिया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र सिंह ने कहा है कि किसानों की कई हजार बीघा फसल नष्ट हुई है।उक्त मामले में प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को अवगत करा दिया गया है। शीघ्र ही सरकार के द्वारा पीड़ित किसानों को नष्ट हुई फसलों का मुआवजा दिया जाएगा।