सड़कों में गड्ढे या गड्ढों में सड़क, कहना मुश्किल
सादिक सिद्दीक़ी
कांधला सरकार चाहे कितना भी सड़कों के गड्ढा मुक्त होने का दावा करे, लेकिन कस्बे की कई प्रमुख सड़कें ऐसी हैं जो बेहद खस्ताहाल हैं। ये सड़कें शासन के दावों की पोल खोल रही हैं। खास बात तो यह है कि गड्ढों में तब्दील हो चुकीं इन सड़कों के निर्माण के लिए प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जनप्रतिनिधि हो या अधिकारी, उनकी गाड़ियां भी इन्हीं सड़कों में बने गड्ढों से होकर निकलती हैं, जबकि योगी सरकार ने सत्ता में आते ही सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का फरमान दिया था। मामला जनपद शामली के कांधला कस्बे के कैराना मार्ग की सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढे में सड़क! यह कह पाना मुश्किल है। यह हकीकत है अस्पताल चौराहा से चौक की ओर जाने वाली मुख्य सड़क की। इस मार्ग से रोजाना अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का आवागमन होता है, फिर भी मार्ग की मरम्मत को लेकर कोई जुंबिश नहीं।इस मार्ग पर अस्पताल पुलिस चौकी पहुंचने तक 50 से अधिक गड्ढे आपकी रफ्तार को न केवल धीमा करेंगे बल्कि जारी सी चूक से चोटिल भी कर देंगे।
लगभग एक किलोमीटर लंबा यह मार्ग कस्बे के सर्वाधिक व्यस्ततम मार्ग है। प्रतिदिन हजारों से अधिक लोग और इतने ही वाहन आते-जाते हैं, लेकिन एक हजार से अधिक गड्ढों से भरी यह सड़क चलने योग्य नहीं रह गई है। इस पर अतिक्रमण कोढ़ में खाज बन गया है कैराना तहसील पानीपत जाने के लिए इसी रास्ते से गुजरना पड़ता है वही कांधला थाना स्थित के पास सड़क के बीच गड्ढे हैं या पूरी सड़क ध्वस्त है। सड़क की यह स्थिति अनजान राहगीर की जान के लिए आफत बन सकती है।
स्थानीय युवा गोविद का कहना है कि मार्ग की दुर्दशा देखनी हो तो सरकारी अस्पताल चौराहा से सब्जी मंडी कैराना मार्ग पर चलिए, जहां सड़क कम गड्ढे ज्यादा नजर आते हैं। ऐसा ही कहना है आलोक गुप्त का। वह बताते हैं कि इस मार्ग पर पता ही नहीं चलता कि गड्ढे में सड़क बनी है कि सड़क में गड्ढे हैं। मोहम्मद सैफ का कहना है कि हल्की सी बारिश में यहां के गड्ढे लबालब भर जाते हैं, जहां आए दिन गिरकर लोग चोटिल होते रहते हैं।