उत्तर प्रदेश कैराना

यमुना नदी उफान पर, पानी के तेज़ बहाव के चलते टूट गया बांध, किसानों की हज़ारों बीघा फ़सल बर्बाद

यमुना नदी उफान पर, पानी के तेज़ बहाव के चलते टूट गया बांध, किसानों की हज़ारों बीघा फ़सल बर्बाद

गांव मामौर में मामूली लीकेज के बाद देखते ही देखते टूट गया बांध,ग्रामीण व प्रशासनिक टीम मरम्मत कार्य में जुटी


हथिनी कुण्ड बैराज से छोड़े गए पानी ने मचाई तबाही हजारों बीघा फसल हुई बर्बाद

कैराना। हथिनी कुण्ड बैराज से छोड़े गए पानी के बाद यमुना नदी उफान पर है। पानी के तेज बहाव के चलते गांव मामौर में बांध टूट गया। वहीं आधा दर्जन स्थानों पर बांध में लीकेज शुरू हो गया। जिसके बाद ग्रामीण,राजस्व व ड्रैनेज विभाग की टीम ने युद्ध स्तर बांध की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है।

गत सोमवार को हथिनी कुण्ड बैराज से अलग अलग छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी से यमुना नदी उफान पर है। यमुना के किनारे किसानों हजारों बीघा फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। पानी का बहाव इतना तेज है कि मामौर के सामने यमुना नदी का बांध टूट गया,जिसके बाद हजारों बीघा जीरी की फसलें बर्बाद हो गईं। साथ ही नगलाराई, हैदरपुर, इस्सोपुर खुरगान, मोहम्मदपुर राई सहित कई स्थानों पर बांध में लीकेज शुरू हो गया,जिसके बाद ग्रामीणों में दहशत फैल गई। आनन फानन में ग्रामीण ट्रैक्टर ट्रालियों व जेसीबी मशीनें लेकर मौके पर पहुंच गए और मरम्मत का कार्य शुरू किया। बाद में बांध में रिसाव की सूचना तहसील प्रशासन को दी गई जिसके बाद नगलाराईं में मात्र हल्का लेखपन यमुना प्रसाद मौके पर पहुंचे। कई घंटे बीत जाने के बाद मौके पर राजस्व व ड्रैनेज विभाग की टीम मौके पर पहुंची और बांध की मरम्मत का कार्य शुरू कराया। घंटों मशक्कत के बाद भी कोई सफलता न मिलने पर जेसीबी मशीन से बांध को खोदा गया जिसके बाद बमुश्किल बांध का रिसाव बंद कराया गया। कमोबेश यही स्थिति गांव हैदरपुर, मोहम्मदपुर राई, इस्सोपुर खुरगान व सहपत की भी है। इसी बीच यमुना नदी के विकराल रूप के आगे गांव मामौर के सामने बांध टूट गया,जिसके बाद ग्रामीणों में दहशत फैल गई।भारी संख्या में मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने बांध की मरम्मत का कार्य शुरू किया। पानी का बहाव इतना तेज था कि सब कुछ बहा ले गया। लगभग चार घंटों के बाद एसडीएम कैराना निकिता शर्मा, ड्रैनेज विभाग के अधिशासी अभियंता सुधांशु सिंह राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुंचे और पोर्कलेन मशीन से मरम्मत का कार्य शुरू कराया। प्रशासन की लापरवाही के चलते पीड़ित ग्रामीण नाराज़ नजर आए उनका कहना था कि अगर समय रहते प्रशासन की ओर से ठोस कदम उठा लिया गया होता तो इतनी बडी तबाही न होती। घंटों बीत जाने के बाद जब तक प्रशासन की बचाव टीम मौके पर पहुंची तबतक यमुना नदी के रौद्र रूप के आगे बांध बह चुका था।

धरातल पर नजर नहीं आई ड्रेनेज विभाग की तैयारियां

बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए बड़े बड़े दावे ठोकने वाले ड्रेनेज विभाग के अधिकारियों की तैयारिया धरातल पर नजर नही आई। बांध टूटने के बाद ग्रामीण खुद पानी में कूदकर जान जोखिम में डालते हुए यमुना के तेज बहाव को रोकते नजर आए। लगभग पांच घंटों के बाद ड्रैनेज विभाग के अधिशासी अभियंता सुधांशु सिंह खाली हाथ मौके पर पहुंचे। तहसील प्रशासन के सहयोग पोर्कलेन मशीन को मौके पर बुलाया गया जिसके बाद राजस्व व ड्रैनेज विभाग की टीम ग्रामीणों के साथ मरम्मत कार्य में जुटी,घंटों बीत जाने के बाद भी कोई सफलता हाथ नहीं लगी। यमुना नदी के विकराल रूप के आगे ड्रैनेज विभाग की तमाम कोशिशें बेअसर होती नजर आईं। एक एक प्लास्टिक के कट्टे के लिए मरम्मत कार्य में जुटे लोगों को इंतजार करना पड़ा। सवाल यह उठता है कि बांध की सुरक्षा का जिम्मा उठाने व बाढ़ से निपटने के लिए बड़े बड़े दावे व तैयारियों का ढिंढोरा पीटने वाले ड्रैनेज विभाग हांफता नजर आया।

52 किलो मीटर बांध को तीन भागों में बांटा

ड्रेनेज विभाग के अधिशासी अभियंता सुधांशु सिंह ने बताया कि यमुना नदी में हथिनी कुण्ड बैराज से छोड़े गए पानी के बाद यमुना उफान पर है,जिसके बाद यमुना के बांध में कई जगह से रिसाव शुरू हो गया था।52 किलो मीटर लंबे इस बांध को तीन भागों में बांटा गया है और मरम्मत कार्यों के लिए 14 जेई लगाए गए हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या अधूरी तैयारियों के साथ ड्रेनेज विभाग यमुना के रूद्र रूप से जनता को बचा पाएंगे?

बाढ़ चौकियों को किया गया अलर्ट

यमुना नदी के रौद्र रूप को देखते हुए बाद चाहुकियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। आला अधिकारी अधीनस्थों से मिनट मिनट की अपडेट ले रहे हैं। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए ड्रेनेज विभाग को अलर्ट कर दिया गया है। साथ ही तटवर्तीय गांवों को भी अलर्ट कर दिया गया है।यमुना नदी के विकराल रूप को देखते हुए खादर क्षेत्र के 16 गांवों के ग्रामीणों को सतर्क रहने के निर्देश दे दिए गए हैं।

नगलाराई राशन डीलर ने किया सराहनीय कार्य

गांव नगलाराई बांध में पानी का रिसाव होने के बाद राशन डीलर नफीस अहमद ने अग्रणीय भूमिका निभाते हुए तुरंत मौके पर जेसीबी मशीन का प्रबंध कराकर ग्रामीणों के साथ बांध के लीकेज को बंद कराने कार्य शुरू कराया। उनके इस प्रयास की चौतरफा प्रशंसा की जा रही है। समय रहते अगर राशन डीलर मौके पर जेसीबी मशीन न पहुंचाते तो बांध का कटान बढ़ने से बांध टूट सकता था।

हथिनी कुण्ड बैराज से लगातार छोड़ा जा रहा पानी

उफनाइ यमुना नदी में हथिनी कुंड बैराज से लगातार पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है,जिससे यमुना नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और यमुना नदी विकराल रूप लेती जा रही है। फिलहाल यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। मंगलवार की प्रात सुबह नौ बजे 320893 क्यूसेक व दो बजे 256926 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज कर दिया गया है,जो लगभग चौबीस घंटे से पहली ही यहां पहुंच जाएगा। लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण स्थानीय प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। किसी को भी यमुना नदी के पास जाने की अनुमति नही दी जा रही है। वहीं तत्वर्तीय गांवों को अलर्ट पर रखा गया है।

महिला सहित तीन लोग यमुना के बहाव में फंसे

हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी के बाद रौद्र रूप ले चुकी यमुना नदी के बहाव में महिला सहित तीन लोगों की जानें फंसी हुई हैं,जिनका रेस्क्यू करने के लिए सुबह से तैयारियां की जा रही हैं। बताया जाता है कि सालून पुत्र हमीद, शाहीन पुत्र नईम व नसरीन पत्नी शाहीन निवासीगण ग्राम रामडा ने भूमि ठेके पर लेकर मिर्च, बैंगन व घिया की फसलें लगा रखी थी और परिवार सहित खेत पर ही रह रहे थे। अचानक यमुना नदी के विकराल रूप के बाद तीनों की जिंदगी वहीं फंस गई। चारों ओर पानी ही पानी देखकर उन्होंने ट्यूबवेल की छत पर शरण ले रखी है किसी भाई समय अगर ट्यूबवेल का कमरा धराशाई हो गया तो तीनों की जिंदगी खत्म हो जाएगी। एसडीएम कैराना निकिता शर्मा का कहना है कि तीनों लोगों को सुरक्षित निकाला जाएगा। उनके रेस्क्यू की तैयारियां की जा रही हैं।

अरशद चौधरी
मुख्य सम्पादक - विजिलेंस मीडिया ग्रुप

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