किसानों के लिए मुसीबत बना नाला, झील के पानी से हुए नुकसान की किसानों ने प्रशासन से की मुआवजे की मांग
तहसील प्रशासन ने दुरुस्त कराई झील की टूटी हुई मेड़
कैराना ।तहसील प्रशासन ने जेसीबी मशीन भेजकर पानी के दबाव के चलते टूटी मामौर झील की मेड़ की मरम्मत करा दी है। वही, किसानों ने प्रशासन से झील के पानी से हुए नुकसान का मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
गत शनिवार से हो रही लगातार बारिश के कारण पानी के दबाव के चलते मामौर झील की मेड़ टूटकर बह गई थी, जिससे किनारे पर स्थित किसानों की करीब तीन कई सौ बीघा फसल में झील का गंदा पानी भर गया था। बारिश के चलते झील का पानी लगातार किसानों के खेतों में भरता रहा, जिससे अन्य किसानों को भी फसलों के जलमग्न होने का खतरा सता रहा था। रविवार को एसडीएम निकिता शर्मा ने जेसीबी मशीन भेजकर टूटी मामौर झील की मेड़ की मरम्मत कराई। टूटी मेड की मरम्मत होने से किसानों ने राहत भरी सांस ली। वही, किसानों ने प्रशासन से झील के पानी से फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा दिए जाने की मांग की है। इस दौरान लेखपाल फुरकान आदि मौजूद रहे। उधर, एसडीएम निकिता शर्मा ने कहा झील की टूटी हुई मेड़ की मरम्मत करा दी गई है। जिला मुख्यालय से अनुमति के बाद फसलों के नुकसान का सर्वे कार्य कराया जायेगा।
पंजीठ के किसानों के लिए मुसीबत बना नाला
नगर की निकासी के पानी को मामौर झील में एकत्र करने वाला नाला वर्षों से कच्चा है। कच्चे नाले के किनारे क्षतिग्रस्त होने एवं पानी अधिक आने के कारण वह अक्सर अवरफ्लो होकर आसपास के किसानों को भारी हानि पहुँचाता है। गत शनिवार से लगातार चल रही बारिश के कारण निकासी के पानी का दवाब होने से नाले ने किसानों की फसलों को चपेट में ले लिया। जिस कारण दर्जनभर किसानों की फसलें प्रभावित हुई है। किसान पुष्कर सैनी ने बताया कि अधिकरियों से कई बार शिकायत करने के बाद समस्या का कोई निराकरण नहीं हुआ है। जिसके चलते पीड़ित किसान बेबस है।