पालिका की खुली पोल कब तक पीटते रहेंगे स्वच्छ भारत अभियान का ढोल।
आबादी के बीच खाली पड़ी जमीन पर डाल रहे हैं सफाई कर्मचारी कचरा, स्वच्छता अभियान को ठेंगा
रिपोर्टर सादिक सिद्दीक़ी कांधला
शामली। कांधला कस्बे में सफाई के हालत सबसे ज्यादा बुरे हैं। यहां करोड़ों रुपया सफाई पर खर्च होता है। फिर भी कस्बे का कचरा कस्बे में डाला जाता है। कस्बे के मोहल्ला खेल के मुख्य मार्ग स्थित मे खाली पड़ी नगरपालिका की भूमि पर कचरा ही कचरा पड़ा है। जो की कस्बे की पालिका के सफाई कर्मचारी डाल रहे है उक्त भूमि के चारो और
अबादी ही अबादी उक्त कचरे से उठने वाली बू से मोहल्ले वासियो को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वही मोहल्ले वासियो का आरोप है की उक्त मामले मे काफ़ी बार पालिका मे शिकायत की लेकिन इस और ध्यान देने के लिए कोई तैयार नहीं है
वही इस मामले ज़ब युवा पत्रकार नें पालिका के सफाई स्पेक्टर सेसील मलिक से बात की तो उनका कहना है की पालिका की भूमि है कचरा यही डाला जायेगा तो पालिका सफाई स्पेक्टर का का मतलब है की कचरा उक्त भूमि पर ही डाला जायेगा उनकी और से चाहे कस्बे मे बीमारी फैले या मोहल्ले मे उनको इस मामले से कोई लेना देना नहीं है.
कचरे के ढेर में दबा स्वच्छता अभियान
स्वच्छ भारत अभियान सरकार का काबिले तारीफ प्रयास है। मगर इस अभियान की हकीकत देखकर दुख होता है। अभियान की जहां से शुरूआत हुई थी, सफाई व्यवस्था वहीं की वहीं है। कस्बे में स्वच्छता की अपील करते हुए पोस्टर, बैनर और दीवारों पर स्लोगन जरूर देखने को मिलते हैं। इससे ज्यादा कुछ नहीं बदला। गलियों में वही कूड़े के ढेर और उनमें मुंह मारते पशु पहले भी दिखते थे और अब भी दिखते हैं। अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार प्रशासन पर दवाब बनाती है इससे ज्यादा कुछ नहीं बदला इसके बाद पालिका अधिकारी हाथ में झाड़ू लेकर फोटो ¨खचवाते नजर आते हैं। सिलसिला इससे आगे बढ़ता ही नहीं। जब पूछते हैं कि सुधार क्यों नहीं हो रहा, तो अधिकारी जवाब देते हैं कि कोशिश चल रही है। लेकिन फिर भी कोई समाधान नहीं होता।