कैराना

मत्स्य विभाग द्वारा प्रतिबंध के बावजूद हो रहा मछलियों का शिकार

मत्स्य विभाग द्वारा प्रतिबंध के बावजूद हो रहा मछलियों का शिकार

प्रजनन अवधि में मत्स्य विभाग द्वारा मछली पकड़ने पर लगाई जाती है रोक, नही होती कार्रवाई

कैराना। मत्स्य विभाग द्वारा
प्रजनन अवधि में मछली पकड़ने पर रोक लगाने के बावजूद भी ठेकेदार द्वारा नियमों को ताक पर रखकर अवैध रूप से मछलियों का शिकार किया जा रहा है,लेकिन विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नही की जा रही है।

हरियाणा यूपी सीमा पर स्थित यमुना ब्रिज पर परजन्न अवधि के दौरान ठेका समाप्ति के बाद भी यमुना नदी की बहती जलधारा के बीच रोक लगाकर नियमों को दरकिनार करते हुए अवैध रूप से मछलियों का शिकार जारी है। मत्स्य विभाग की उदासीनता के चलते लगातार दबंग ठेकेदार नियमों को ताक पर रखकर न सिर्फ यह कि अवैध रूप से मछलियां पकड़ रहा है,बल्कि बेखौफ ठेकेदार बच्चा मछली पकड़कर प्रजातियों को विलुप्त करने में लगा हुआ है। मत्स्य विभाग ने प्रजनन अवधि में मछलियों के परिवहन व शिकार पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा देता है, लेकिन इसी अवधि में सबसे ज्यादा मछलियों का शिकार किया जाता है। इस अवैध व्यापार पर पुलिस भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाती।

ठेका समाप्ति पर भी पकड़ी जा रही मछलियां

यमुना नदी में मछली पकड़ने का ठेका समाप्त हो चुका है,लेकिन सांठगांठ के चलते ठेकेदार द्वारा अवैध रूप से यमुना नदी की बहती जलधारा के बीच रोक लगाकर मछलियां पकड़ी जा रही हैं। जबकि एक जून से 31 अगस्त तक मत्स्य विभाग द्वारा प्रतिबंध लगाया हुआ है। प्रजनन अवधि में किसी को भी मछली पकड़ने की अनुमति नही है तो फिर यमुना नदी से किसकी शह पर मछलियां पकड़ी जा रही हैं। क्या इस खेल में विभाग की संलिप्तता है?

विलुप्त होती प्रजातियां, जिम्मेदार कौन?

मत्स्य विभाग द्वारा मत्स्य जीवी सहकारी समितियों को कड़ी शर्तों को साथ ठेका आवंटित किया जाता है। इस दौरान ठेकेदार को सख्त हिदायतें भी दी जाती है और नियमों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान भी है,लेकिन यहां ठेकेदार की हठधर्मिता व मनमानी के चलते सभी नियम कानूनों को रौंदा गया है। ठेका समाप्त होने के बाद भी मछलियों का शिकार वो भी प्रजनन अवधि में करना विभाग से सांठगांठ की ओर इशारा करता है। इतना ही नही ठेकेदार द्वारा अवैध रूप से यमुना नदी में रोक लगाकर बच्चा मछली पकड़ी जा रही हैं, जिससे मछलियों की प्रजाति विलुप्त होती जा रही है, जिम्मेदारों की उदासीनता, निष्क्रियता व खामोशी पर सवालिया निशान लगा हुआ है।

उन्होंने कहाप्रजनन अवधि के दौरान यमुना नदी से अगर ठेकेदार द्वारा मछलियों का शिकार किया जा रहा है वो अवैध है,जांच उपरांत निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी।

 

अरशद चौधरी
मुख्य सम्पादक - विजिलेंस मीडिया ग्रुप

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