गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की भरमार शिक्षा विभाग मौनop
बागपत, जनपद बागपत में गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की जैसे बाढ़ ही आ गई हो गली गली गांव दरगांव छोटे-छोटे मकानों में लोग स्कूल खोल कर बैठे हैं। और नौनिहालों का भविष्य बिगाड़ रहे हैं। उपरोक्त स्कूल सीबीएससी स्टैंडर्ड के नाम से अभिभावकों को लूट रहे हैं 70 से 80% तक कमीशन किताबों पर लेने वाले इन स्कूलो में पढ़ने वालों को आठवीं तक पहुंचते-पहुंचते ना ही तो वह यूपी बोर्ड का रहता है। और ना ही सीबीएसई बोर्ड का होता है। आखिर में उसे बोर्ड की परीक्षा आने तक पता लगता है। कि उसे हाई स्कूल में यूपी बोर्ड के पेपर देने हैं। जो सिलेबस उसने पढ़ा ही नहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों की कायापलट करते हुए बच्चों को ड्रेस खाने पीने की व्यवस्था व अध्यापकों को मोटी तनख्वाह देने का काम किया है। लेकिन जनपद बागपत का शिक्षा विभाग कुंभकरणी गहरी नींद में सोया हुआ है। क्योंकि यह फर्जी स्कूल शिक्षा विभाग में मोटा शुल्क देकर स्कूलों के नाम पर दुकानें खोलते हैं। और भोले भाले अभिभावकों की जेब पर डाका डालने का काम करते हैं। एक पीड़ित अभिभावक ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि मेरे चार बच्चे हैं। और चारों शहर के नामचीन स्कूल मैं सीबीएसई पैटर्न पर पढ़ाई कर रहे हैं। जिनका 1 साल का कोर्स लगभग ₹पन्द्रह हज़ार का बना है। जो स्कूल द्वारा निर्धारित की गई दुकान जोकि खत्री गढी में स्थित है। वही मिलता है। जबकि सीबीएसई बोर्ड की पुस्तकें एनसीईआरटी जो कि एक भारत सरकार का उपक्रम है। वह सीबीएसई बोर्ड का सिलेबस तैयार करती है। जिसकी कीमत नाम मात्र को होती है। लेकिन उपरोक्त पुस्तकों पर स्कूल संचालकों को मोटा कमीशन नहीं मिलता क्या शिक्षक विभाग को यह सब जानकारी नहीं है। उन्हें तो बस अपना सुविधा शुल्क मिल जाता है। और वह अपनी कुंभकरण की नींद सोते हैं। जेब कटती है। तो गरीब अभिभावक की और यह कार्य लंबे समय से चला आ रहा है। आप किसी भी शहर में जाकर देख ले यह फाइव स्टार सुविधा वाले स्कूल जगह-जगह खुले हैं। और बाकी बची हुई कमी को गली मोहल्लों में कुकुरमुत्ता की तरह उगाए यह नई स्कूल पूरी कर रहे हैं। और शिक्षा अधिकारियों को मोटी रकम देकर अभिभावकों व छात्रों का शोषण कर रहे हैं। कई बार अभिभावकों ने इस और आवाज उठाने का काम किया लेकिनभीड़ में वह अकेले ही पाए गए क्योंकि लोगों का इस ओर ध्यान ही नहीं जिसका लाभ इन लोगों को पहुंचता है। और यह लूट बदस्तूर जारी है