खेल जगत

कोहली इस साल फिर भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान बनाए जा सकते हैं।

 

 

विराट कोहली साल 2023 में फिर एक दफा भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान बनाए जा सकते हैं। बीसीसीआई क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में अलग-अलग कप्तान बनाने की तैयारी में है। T-20 इंटरनेशनल की कमान हार्दिक पंड्या को सौंपने के बाद बीसीसीआई टेस्ट टीम में भी बड़ा बदलाव कर सकता है। कप्तान रोहित की फॉर्म और फिटनेस को देखते हुए बीसीसीआई उन पर से थोड़ा बोझ कम करना चाहता है। इंडियन टीम मैनेजमेंट रोहित को केवल वनडे कप्तान के तौर पर कायम रखना चाहता है। T-20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में मिली शर्मनाक शिकस्त के बाद कप्तान रोहित और कोच द्रविड़ से बीसीसीआई हार के कारणों पर चर्चा करेगा। उसी दौरान 2023 वनडे वर्ल्ड कप की बेहतर तैयारी के मद्देनजर टेस्ट कप्तानी को लेकर यह बड़ा फैसला लिया जा सकता है।

भारतीय टेस्ट क्रिकेट को नए मुकाम पर ले जाने वाले विराट को जिन हालात में कप्तानी छोड़नी पड़ी थी, वह आज भी फैंस का दिल दुखाता है। कई बार तो खून के आंसू रुलाता है। एक पल में भुला दिया गया कि किस तरह विराट ने आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में सातवें नंबर पर काबिज टीम इंडिया को नंबर वन बनाया था। जिस ऑस्ट्रेलिया में भारत 1948 से कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीत सका था, किंग की कप्तानी में 2018-19 में 71 साल में पहली बार टीम इंडिया ने वह कारनामा भी कर दिखाया था। अक्टूबर 2016 से लेकर मार्च 2019 तक टीम इंडिया ने रिकॉर्ड 42 महीने लगातार नंबर वन टेस्ट टीम का दर्जा पाया था।

विराट की कप्तानी में भारत ने 68 टेस्ट मैच खेले और 40 मुकाबलों में जीत हासिल की। 17 मैच ड्रॉ रहे और 11 मुकाबले भारत ने गंवाए। 58.82% के साथ विराट विनिंग परसेंटेज के मामले में भी हिंदुस्तान के नंबर वन टेस्ट कप्तान हैं। मैदान पर हर विपक्षी खिलाड़ी का विकेट चटकाने के बाद आक्रामक जश्न किंग की पहचान है। यह हकीकत है कि विराट के कप्तानी छोड़ने के बाद भारतीय टेस्ट टीम में पहले वाला जुनून देखने में नहीं आया। बदले में हिंदुस्तान ने कुछ आसान टेस्ट मैच भी गंवाया। नतीजा यह हुआ कि 2018 से लेकर 2021 तक साल समाप्त होने के वक्त नंबर वन टेस्ट टीम रहने वाली टीम इंडिया 2022 के अंत में ऐसा नहीं कर सकी।

कप्तानी को लेकर किसी तरह का दबाव कभी विराट की बल्लेबाजी में नजर नहीं आया है। कोहली ने बतौर टेस्ट कैप्टन दुनिया में सबसे ज्यादा 7 दोहरा शतक लगाए हैं। इसके साथ ही अपनी कप्तानी के दौर में विराट ने 68 टेस्ट मैचों में 54.80 की औसत से 5864 रन बनाए हैं। इस दौरान किंग ने 18 अर्धशतक और 20 शतक लगाए हैं। किंग के बल्ले से साउथ अफ्रीका के खिलाफ 254 रन एक पारी में सर्वश्रेष्ठ स्कोर के तौर पर आए हैं। इसलिए अगर दोबारा टेस्ट क्रिकेट में रोमांच पैदा करना है तो कप्तानी में बदलाव हर हाल में किया जाना चाहिए। विराट को दोबारा टेस्ट कप्तान का जिम्मा दिया जाना चाहिए।

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