कस्बे का चेयरमैन कैसा होना चाहिये इस पर एक छोटी-सी चर्चा जावेद कुरैशी कै साथ
कांधला कस्बे कै जावेद कुरैशी उस वक़्त भावुक हो गए ज़ब मिडिया ने उनसे बात की की आखिर कस्बे चेयरमैन केसा हो जावेद कुरैही ने बताया चेयरमैन वही जो कस्बे का विकास कर सके. विकास की क्या परिभाषा है ? चेयरमैन वो जो गाँव में नाली की निकासी का उचित प्रबन्ध कर सके. ये नही कि सड़कों पर ही पानी भरा पड़ा है और आप चेयरमैन पद पर काबिज हो जाने पर ही खुश हुए जा रहे हैं. आखिरकार सार्वजनिक समस्याओं के निदान के लिये ही तो जनता चेयरमैन को चुनती है. अगर वो भी सही तरीकें से और समय पर हल ना हो पायें तो फिर चेयरमैन पद के प्रति लोगों में कोई अच्छी सोच वाली छवि कहाँ बनी रह पायेगी ?
चेयरमैन वो जो कस्बे में रोशनी की व्यवस्था कर सके. फिर चाहे वो स्ट्रीट लाइट हो ये फिर कस्बे की आम बिजली ! अगर इस दौर में भी कस्बे में बिजली सम्बन्धी दिक्कत है और चेयरमैन पद पर आसीन व्यक्ति उसे त्वरित कारवाई करके हल नही करा सकता है तो फिर उसके चेयरमैन -पद की योग्यता पर सवाल उठना स्वाभाविक है ?
चेयरमैन वो जी जब कस्बे का ट्रांसफार्मर ख़राब हो तो चेयरमैन को सबसे पहले ये चिन्ता हो कि वो ट्रांसफार्मर जल्द से जल्द ठीक हो. ये नही कि लाइट के इस ज़माने में भी 10-15 दिन ट्रांसफार्मर आने मे ही निकल जाये
चेयरमैन वो जो प्राइमरी स्कूल में समय-समय पर अध्यापकों से मिलकर बच्चो की शिक्षा पर चर्चा करता रहे ताकि अध्यापकों को भी काम करने के लिये एक प्रेरणा मिलती रहे. जब चेयरमैन खुद एक्टिव होगा तो वो प्राइमरी स्कूल के अध्यापकों को जरूर इस बात के लिये प्रेरित कर सकेगा कि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले.
चेयरमैन वो जो कि कस्बे के वाद-विवाद को पुलिस-चौकी तक जाने से रोक सके क्योंकि फालतू के वाद-विवाद से पुलिस का टाइम भी ख़राब होता है और कुछ दलालों की चाँदी हो जाती है और अक्सर इस तरह के मामलों में आर्थिक रूप से कमजोर पक्ष पैसे के कर्ज की चपेट में भी आ जाता है. अगर विवाद ज्यादा गहरा है तब तो अलग बात है लेकिन छोटे-मोटे झगड़े जिसमें कि ये आशंका हो कि इसमें दलालों को फायदा मिल जायेगा और गरीब आदमी मारा जायेगा, ऐसे विवाद को आपस में ही सुलझा सके,चेयरमैन ऐसा होना चाहिये. जावेद कुरैशी ने बताया की ये सब खूबी भावी प्रत्याशी नजमुल इस्लाम कै अंदर है कस्बे मे रोजगार नहीं है नजमुल इस्लाम चाहते है की कस्बे कै अंदर बदलाव लाना है कस्बे मे कोई सुहिदा नहीं है नजमुल इस्लाम कस्बे को बारात घर कोलीज रोजगार बच्चो को खेलने की सुहिदा देना चाहते है कस्बे का चेयरमैन नजमुल इस्लाम जैसा होना चाहिए