पर्दे में रह कर हमारी बच्चियाँ शिक्षा प्राप्त करेंगी तो समाज मे बड़े पैमाने पर सुधार आएगा।
रिपोर्टर सादिक सिद्दीकी कांधला
कांधला के प्राचीन मदरसा जामिया अरबिया क़ासिमुल उलूम व जामिया आइशा लीलबनात की तालीमी साल के आग़ाज़ पर अपने विचार रखते हुवे भावी चैयरमेन प्रत्याशी नजमुल इस्लाम व बाबू फैसल बेग ने शिक्षा, पर्दा व ज़कात के ताल्लुक़ से कहा कि इस्लाम मे पर्दा फ़र्ज़ है। पर्दे में रह कर हमारी बच्चियाँ शिक्षा प्राप्त करेंगी तो समाज मे बड़े पैमाने पर सुधार आएगा। शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, शिक्षा का मतलब न केवल सीखना व ज्ञान अर्जित करना है। बल्कि शिक्षा का दायरा इससे भी कहीं अधिक बड़ा है। शिक्षा का मूल उद्देश्य लोगों के व्यक्तित्व का विकास करना है। शिक्षा का अर्थ- चरित्र निर्माण, सिखना, ज्ञान प्राप्त करना व अध्ययन करना है शिक्षा का अर्थ- अनुशासन में रहना, नियंत्रण रखना व निर्देश देना अवस्था में अवतरित होता है। शिक्षा के माध्यम से ही मनुष्य के शारीरिक, मानसिक, आत्मिक शक्तियों एवं क्षमताओं का विकास होता है।
“शिक्षा को ज्ञान ज्योति माना जाता है”।
शिक्षा का महत्त्व एक शिक्षित व्यक्ति ही समझ सकता है। जिस प्रकार मनुष्य के शरीर में विकास के लिए भोजन की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार मनुष्य के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास हेतु शिक्षा अत्यंत आवश्यक हैं। बाबू फैसल बेग ने कहा कि मदारिस की ख़िदमात में हम सब लोगों को पूरा पूरा ध्यान रखना चाहिए। नजमुल इस्लाम ने कहा कि हमारा कांधला शिक्षा की वजह से जाना जाता है। हम सब को मेहनत करनी है। मुहम्मद फहद ने कहा कि हमारे बड़ों ने दीन कि खातिर बड़ी क़ुरबानी दी और मौलाना सैयद बदरूल हुदा मुबारकबाद के पात्र हैं कि इन्होंने लड़कियों के लिए दीनी शिक्षा की फिक्र की । इस से हम सब का भला होगा । मेहरदीन ने कहा कि बच्चियों की शिक्षा की फिक्र करना हम सब की ज़िम्मेदारी है। मौलाना सैयद मजहरुल हुदा ने दोनों इदारों के बारे में तफसीलि बात रखी मौलाना सैयद बदरुल हुदा ने आने वाले मेहमानों का शुक्रिया अदा किया। इस मौके पर गुलज़ार अंसारी अरशद अंसारी हाफिज अब्बास कुरैशी वसीम अली बेग आदि मौजूद रहे