उत्तर प्रदेश

एक लाख से ऊपर की आबादी वाले नगरों को मिलेगी 24 घंटे बिजली

 

 

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          लखनऊ न्यूज़:-  प्रदेश के एक लाख और उससे अधिक जनसंख्या वाले नगरों में अब 24 घंटे बिजली की आपूर्ति होगी। इससे अगले पांच साल में सभी बिजली वितरण कंपनियों को 24 घंटे आपूर्ति सुनिश्चित करनी पड़ेगी।

पारा चढ़ने के साथ प्रदेश की बिजली व्यवस्था पटरी से उतरती जा रही है। राजधानी में ही तमाम क्षेत्रों में रात और दिन में अघोषित बिजली कटौती हो रही है। यही हाल अन्य बड़े शहरों, जिला मुख्यालयों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक का है। तय शिड्यूल के अनुसार आपूर्ति करने के लिए पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। वास्तविक स्थिति सामने न आए इसलिए स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) ने आपूर्ति की दैनिक रिपोर्ट तक अपनी वेबसाइट से हटा ली है।

भीषण गर्मी से प्रदेश में बिजली संकट गहराता जा रहा है। तकनीकी गड़बड़ियों व कोयले की कमी से तापीय इकाइयों के बंद होने से भी समस्या बढ़ रही है। सार्वजनिक व निजी क्षेत्र के ताप बिजलीघरों से पूरी क्षमता से उत्पादन न होने से बिजली की कमी बनी हुई है। वितरण और ट्रांसमिशन नेटवर्क के ओवरलोड होने और अन्य स्थानीय गड़बड़ियों से भी दिक्कत बढ़ती जा रही है।

सूत्रों के अनुसार प्रदेश में बिजली की मांग 20,000 मेगावाट के आसपास है जबकि उपलब्धता 18000-19000 मेगावाट के बीच चल रही है। कभी-कभार मांग बढ़कर 21000 मेगावाट तक पहुंच रही है। प्रदेश के 14224 मेगावाट क्षमता के ताप बिजलीघरों से करीब 9000-11000 मेगावाट बिजली मिल पा रही है। इसके अलावा केंद्र से लगभग 7000 मेगावाट बिजली मिल रही है।

शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे आपूर्ति का दावा

अधिकारियों का कहना है कि सामान्य अवधि में तो कोई खास समस्या नहीं आ रही है, लेकिन पीक ऑवर्स और रात में मांग काफी बढ़ती है जिससे दबाव ज्यादा बढ़ जाता है। कई बार वितरण और ट्रांसमिशन नेटवर्क के साथ न देने से भी आपूर्ति में बाधा आती है। कोशिश की जाती है कि समस्या को जल्द ठीक कराकर आपूर्ति सामान्य की जाए। सभी क्षेत्रों को तय शिड्यूल के अनुसार बिजली आपूर्ति का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन कई बार मांग ज्यादा बढ़ने से गांवों, कस्बों और तहसील मुख्यालयों पर आपात कटौती करनी पड़ती है।

अधिकारियों का दावा है कि शहरी क्षेत्रों को शिड्यूल के मुताबिक 24 घंटे आपूर्ति की जा रही है। जहां तक शहरों में आपूर्ति बाधित होने का सवाल है तो इसके पीछे लोकल फाल्ट या अन्य कोई तकनीकी दिक्कत हो सकती है। कुछ जगह ओवरलोडिंग की भी समस्या है जिसे दुरुस्त कराने का प्रयास किया जा रहा है।

 

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