उत्तर प्रदेश शामली

हाय रे हाय राजनीति का शौक  – क्या जनता बनाएगी इस युवक को चेयरमैन?

हाय रे हाय राजनीति का शौक

 

– क्या जनता बनाएगी इस युवक को चेयरमैन?

 

कैराना। कुर्सी पर कौन नहीं बैठना चाहता? जहां देश की बड़ी पार्टियों के नेता कुर्सी के लिए लड़ते रहते हैं। वही देश के राजनीतिक दलों पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने और दंगा करा ने का भी आरोप लगते रहते है। लेकिन राजनीतिक दलों के कुछ नेता धार्मिक भावनाओं के साथ दंगे कराने में अहम भूमिका निभाकर कुर्सी पर बैठना चाहते हैं। वही लोग खून के रिश्तों को दरकिनार कर भाई-भाई के सामने चुनावी मैदान में आकर राजनीतिक कुर्सी पर बैठ जाते हैं और खुद को बादशाह कहते हैं। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना कस्बे से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यह वही कैराना है जो देश भर में पलायन के मुद्दे पर चर्चा में रहा है।

 

 

– हाय रे हाय राजनीति

 

आपको बता दें कि कस्बे के मोहल्ला इकबालपुरा निवासी 24 वर्षीय युवक सलीम राणा पुत्र हाजी मजीद कैराना नगर पालिका परिषद की कुर्सी पर बैठना चाहता है। सलीम राणा कस्बे में चेयरमैन के नाम से प्रसिद्ध हैं। आपको बता दें कि सलीम राणा पिछले काफी समय से चुनावी मैदान में अपनी पहचान बनाने के लिए पालिकाध्यक्ष पद के चुनाव की तैयारी में दिन- रात मेहनत कर रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक सलीम राणा का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। कहा जाता है कि राजनीति का यह शौक सर चढ़कर जोर-जोर से बोलता है। लेकिन यह अजीबोगरीब मामला पहली बार देखने को मिल रहा है, सलीम राणा का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है, फिर भी वह पालिकाध्यक्ष का चुनाव लड़ने पर तुले हुए हैं। क्या जनता चेयरमैन पद पर सलीम राणा को वोट देकर पालिकाध्यक्ष की कुर्सी पर बिठाती है? जब सलीम राणा से पूछा गया कि आपको चुनाव लड़ने का शौक क्यों है? सलीम राणा ने बताया कि हमारे नेता मुनव्वर हसन को जनता की सेवा करते देखकर मेरे मन में चुनाव लड़ने का विचार आया। मैं भी मुनव्वर हसन की तरह जनता की सेवा करना चाहता हूं, मैं चौधरी मुनव्वर हसन का प्रेमी हूं। मुनव्वर हसन मेरे दिल में बसे हुए हैं। क्या चुनाव लड़ पाएंगे सलीम राणा? या फिर उनका चुनाव लड़ने का सपना सपना ही रह जाएगा?

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