मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।
कुछ ऐसी ही कहानी है जूनियर महिला हॉकी वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन करने वाली मुमताज़ खान की, जिन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए 3 हैट्रिक गोल किए और भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई। एक ओर जहां, दक्षिण अफ्रीका के पोटचेफस्ट्रूम के यूनिवर्सिटी ग्राउंड में मुमताज, जूनियर हॉकी विश्व कप (Women Junior Hockey World Cup) के क्वार्टर फाइनल में दमदार प्रदर्शन कर रही थीं, तो वहीं दूसरी तरफ मुमताज़ की माँ कैसर जहां, लखनऊ के तोपखाना बाजार में सड़क किनारे ठेले पर सब्जी लेकर चिलचिलाती धूप में खड़ी थीं।
मुमताज को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ के खिताब से नवाजा गया। हालांकि, मुमताज़ का यह मैच उनकी मां देख नहीं पाईं, लेकिन उन्हें बेटी को खेलते हुए न देख पाने का कोई मलाल नहीं है। कैसर जहां का मानना है कि भविष्य में ऐसे कई और मौके आएंगे, जब वह अपनी बेटी को गोल करते हुए देखेंगी।
मुमताज की बड़ी बहन फराह अपनी बहन की सफलता पर कहती हैं, “आज हमें कैसा लग रहा है, इसको बयां करना मुश्किल है। ऐसे भी दिन थे जब हमारे पास कुछ नहीं था … जब कुछ लोग मेरे माता-पिता को एक लड़की को खेलने की इजाजत देने के लिए ताना मारते थे। हमने उन लोगों की बातों को नजरअंदाज कर दिया, लेकिन आज, ऐसा लगता है कि मुमताज ने उन सभी को मुंहतोड़ जवाब दिया है।”
मुमताज़ खान को हॉकी महिला वर्ल्ड कप में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं!