उत्तर प्रदेश मुज़फ़्फ़रनगर मेरठ राष्ट्रीय शामली सहारनपुर

कस्बे की मशहूर हस्ती वह गरीबों के मसीहा रहे मरहूम मियां फैजुल इस्लाम के पुत्र नजमुल हसन ने ताल ठोकनी सुरु की चेयरमैन पद पर कस्बे की सियासत मे मची खलबली

कस्बे की मशहूर हस्ती वह गरीबों के मसीहा रहे मरहूम मियां फैजुल इस्लाम के पुत्र नजमुल हसन ने ताल ठोकनी सुरु की चेयरमैन पद पर कस्बे की सियासत मे मची खलबली

रिपोर्ट सादिक सिद्दीक़ी

कांधला कस्बे के मशहूर हस्ती वे गरीबों के मसीहा रहे मरहूम मिया फैजुल इस्लाम के पुत्र नजमुल हसन ने जैसे ही कांधला की सियासत पर कदम रखा वैसे ही कस्बे की सियासत में खलबली मच गई है
बात की जाये मरहूम मिया फेजुल इस्लाम की तो
कस्बे कै गरीबो कै मसीहा बने रहे कस्बे की जनता को अपना इलाज कराने के लिए शामली जाना पड़ता था वैसे ही मरहूम मियां फैजुल इस्लाम ने अपनी जमीन दान देकर कस्बे में एक सरकारी अस्पताल खुलवाने का काम किया था बहुत गरीब जनता ऐसी थी जिनके पास रहने कै लिए मकान नहीं थे मरहूम मिया फेजुल इस्लाम ने मकान बना कर दिए थे
हिन्दू-मुस्लिम एकता की नजीर थे मरहूम मिया फेजुल इस्लाम
जिले में साम्प्रदायिक सौहार्द और आपसी एकता या धार्मिक समरसता की बात हो तो कांधला कस्बे का नाम हर जुबां पर पहले आ जाता है। यहां मोहर्रम हो या नवरात्र, होली हो या ईद, दीवाली हो या जलसा। हर मौके पर हिन्दू-मुस्लिम का आपसी सहयोग सर्वविदित है ऐसे मे कस्बे कै मरहूम मिया फेजुल इस्लाम जो एक लंबे अरसे से मुस्लिम और हिन्दू दोनों धर्मों के प्रति मोहब्बत रखने के लिए नजीर बने थे
कस्बे में सियासत से बहुत करीबी नाता रहा मरहूम या फैजुल इस्लाम का 1976 में कस्बे के चेयरमैन रह चुके हैं
साथ ही 1980 में विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था
अब उनके बाद विरासत को आगे ले जाने के लिए उनके पुत्र नजमुल हसन कस्बे के चेयरमैन पद प्रत्याशी मैदान मे अ चुके हे जिनके आ जाने से कस्बे की सियासत मैं खलबली मच गई है
मुझे चेयरमैन पद के उम्मीदवार नजमुल हसन का कहना है कि सियासत में आने का सिर्फ और सिर्फ सेवाभाव है ऊपर वाले ने हर चीज से नवाजा है मेरी प्राथमिकता है कि कस्बे वासियों को बेहतर व्यवस्था हो जहां से तरक्की को छू सकें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *