सहारनपुर। प्रख्यात गांधीवादी विचारक रमेश भाई शर्मा ने कहा है कि नदियों को उनकी पवित्रता और उनका स्थान लौटाते हुए उन्हें अनावश्यक दोहन से बचाना होगा। तभी हम अपनी संस्कृति और जीवन को बचा सकेंगे। रमेश भाई ने यह बात सहारनपुर में नगरायुक्त व कर्मचारियों से आह्वान करते हुए कही। वह विश्व जल दिवस पर गाजियाबाद से शुरु होकर दो दिवसीय ‘यमुना जल सत्याग्रह यात्रा’ के साथ आज यहां पहुंचे थे। उनके साथ जल सत्याग्रही डॉ. कृष्णपाल, मौ.ए आर शाहीन, विक्रांत शर्मा एडवोेकेट आदि शामिल थे। उन्होंने कहा कि यह बड़ी विडम्बना है कि हम अपनी संस्कृति और सभ्यता के केंद्र रही नदियों के प्रति उपेक्षित हो गए है। यदि हमने इन्हें न बचाया तो जीवन भी नहीं बच पायेगा। उन्होंने कहा कि जल जीवन का आधार है और उसके प्रति लापरवाही भविष्य में आदमी को महंगी पडे़गी।
जल सत्याग्रही डॉ.कृष्णपाल ने यात्रा के बारे में बताया कि गत 22 मार्च को गाजियाबाद हिंडन नदी से यात्रा शुरु की गयी थी। बाद में शोभित विश्वविद्यालय मेरठ व मुजफ्फरनगर में लोगों से नदियों और जल को बचाने पर चर्चा की गयी। उन्होंने बताया कि सहारनपुर में हथनीकुंड बैराज पर उन्होंने यमुना की स्थिति देखने के अलावा पांवधोई व हिन्डन नदी को भी देखा है। नकुड़-गंगोह और शामली में भी किसानों के साथ बात की जायेगी। उन्होंने बताया कि उन्होंने उद्यमियों से भी मुलाकात कर उनसे अपील की है कि वे पहल करते हुए अपने उद्योगों को प्रदूषण मुक्त कर एक आदर्श स्थिति पैदा करें।
नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने ‘यमुना जल सत्याग्रह यात्रा’ का स्वागत करते हुए कहा कि नदिया हमारा जीवन है हमारी संस्कृतियां और सभ्यताएं नदियों के किनारे ही पनपी है। नगरायुक्त ने बताया कि नगर निगम ने महानगर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए जहां गत वृक्षों में वृहद स्तर पर पौधारोपण कराया है वहीं पांवधोई की सफाई का कार्य भी कराया जा रहा है। जल सत्याग्रह यात्रा में शामिल ने नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह को पौधा भी भेंट किया।